-हेलमेट लगाए और टै्रफिक नियमों का पालन करने वालों का भी हो जा रहा चालान

-टै्रफिक पुलिस लाइन में हर रोज शिकायतें लेकर पहुंचे रहे बड़ी संख्या में लोग

केस-वन

घसियारी टोला, दुर्गाकुंड निवासी दयानंद पांडेय की बाइक का छह सितंबर की शाम नो हेलमेट पर एक हजार का चालान हो गया। चालान के दौरान जो फोटो खींची गयी उसमें साफ दिख रहा है कि दयानंद हेलमेट लगाए हुए थे।

केस 2

सारनाथ निवासी कृष्णा पांडेय को पांडेयपुर चौराहे पर पुलिस ने रोका। हेलमेट का चालान बताकर 55सौ रुपये का चालान कर दिया। इसमें दो हजार इंश्योरेंस फेल होने का भी जुर्माना जोड़ा गया। जबकि उनकी गाड़ी का इंश्यारेंस है।

केस-थ्री

अर्दली बाजार निवासी राहुल सिंह अपनी बाइक घर के बाहर खड़ा किए थे। उनके पास हेलमेट और नो पार्किंग का 1200 चालान पहुंच गया। खैर, ट्रैफिक ऑफिस गए तो जुर्माना माफ हो गया।

यह केस तो महज बानगी भर है। हर रोज उल्टे-सीधे ई-चालान के मामले सामने आ रहे हैं। इसके पास गलत चालान पहुंच रहा उसकी तो सांसें थम जा रही हैं। समझ ही नहीं पा रहा है कि सारे नियम फॉलो करने के बावजूद चालान क्यों कट गया। यह अलग बात है कि एसपी ट्रैफिक कह रहे हैं कि जिसका गलत चालान हुआ वो साक्ष्य प्रस्तुत करे तो तो चालान की धनराशि माफ कर दी जाएगी। मगर, यह भी सोचने वाली बात है कि बाहर जिलों से आने वाली गाडि़यों का इसी तरह ई-चालान हो रहा है। साधारण बाइक सवार का हजार रुपये से कम का चालान नहीं हो रहा।

लगा रहे चक्कर

गलत चालान को लेकर आपत्ति दर्ज कराने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। दर्जनों लोग जो ई-चालान और मैनुअल चालान को लेकर रोजाना एसपी ट्रैफिक ऑफिस पहुंच रहे है। हालांकि इसकी सुनवाई हो रही है। गलत चालान की शिकायत लेकर पहुचंने वालों की भीड़ टीपी लाइन में मौजूद रहती है।

चेकिंग के नाम पर मिसबिहेव

चालान के चक्रव्यूह में फंसने वालों का दर्द सिर्फ इतना नहीं है कि उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा बल्कि वो दु‌र्व्यवहार का आरोप भी लगा रहे हैं। उनकी कहना है कि जांच के दौरान गाड़ी का कागज दिखाने, हेलमेट पहनने के बावजूद कोई ना कोई कमी निकालकर चालान कर दिया जा रहा है। पिछले वर्ष डीजीपी ओपी सिंह ने किसी घटना के होने पर वाहनों की जांच करने को लेकर कई दिशा-निर्देश दिया था। इसमें साफ कहा गया था कि जांच के दौरान एमवी एक्ट के संबंध में कागजों की जांच न किया जाए बल्कि संदिग्ध लोगों की तलाशी तथा उनके वाहन की तलाशी लेकर कार्रवाई की जाए। चेकिंग के दौरान यथासम्भव महिलाओं, बच्चों एवं बुजुगरें को अनावश्यक परेशान न किया जाए और उनके साथ किसी प्रकार की अभद्रता न की जाए। इसके बावजूद थाने की पुलिस जब वाहनों की जांच करने सड़क पर उतरती है तो लक्ष्य पूरा करने के लिए मनमाने तरीके से चालान कर देती है। इस दौरान कई बार लोगों से मिसबिहेव भी किया जाता है।

तय किया गया है कि गलत चालान किसी का नहीं होना चाहिए। यदि किसी का गलत चालान हुआ भी है तो वह साक्ष्य दिखाकर अपना चालान माफ करवा सकता है। बशर्ते, साक्ष्य मजबूत होना चाहिए।

श्रवण कुमार सिंह, एसपी ट्रैफिक