- डोर टू डोर से लेकर वार्डो में सफाई व्यवस्था नहीं सुधर रही

- ओपन डंपिंग सेंटर्स भी बढ़ा रहे मुश्किलें, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

LUCKNOW: एक तरफ जहां शहर को स्वच्छ बनाने के लिए निगम प्रशासन की ओर से रोजाना नई-नई प्लानिंग की जा रही है, वहीं हकीकत यह है कि अभी कई ऐसी चुनौतियां बरकरार हैं, जिनसे निपटने के लिए निगम प्रशासन के पास पर्याप्त इंतजाम नहीं है। इसकी वजह से शहर पूरी तरह से स्वच्छ नहीं बन पा रहा।

हर दिन नई चुनौती

निगम प्रशासन के सामने रोजाना नई-नई चुनौतियां भी सामने आ रही है। कूड़ा परिवहन से लेकर डस्टबिन की कमी निगम प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। इसके बावजूद उक्त समस्याओं से निपटने के लिए निगम प्रशासन के पास कोई भी ठोस एक्शन प्लान नहीं है।

ये हैं चुनौतियां

निगम प्रशासन के सामने प्रमुख चुनौतियां इस प्रकार हैं

1- कूड़ा कलेक्शन-डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन अभी चुनौती बनी हुई है। सिर्फ 40 फीसदी घरों से ही कूड़ा कलेक्ट हो रहा है।

2- कूड़े का परिवहन- शहरभर से निकलने वाले कूड़े को शिवरी प्लांट तक पहुंचाया जाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है।

3- ओपन डंपिंग सेंटर्स-शहर में अभी 100 से अधिक स्थान ओपन डंपिंग सेंटर्स में तब्दील है। पहले से स्थिति सुधरी है, लेकिन अभी बहुत काम किए जाने की जरूरत है।

4- पब्लिक फीडबैक-अभी तक सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पब्लिक फीडबैक पर फोकस नहीं किया जा रहा है।

5-अटेंडेंस चेक-सभी वार्डो में नियमित रूप से सफाई कर्मियों की उपस्थिति को चेक किया जाना है, लेकिन अभी तक यह व्यवस्था परमानेंट व्यवस्था के रूप में इंप्लीमेंट नहीं हो सकी है।

ये हैं योजनाएं

1-बार कोड-घरों के दरवाजे पर बार कोड लगाया जाना है, जिससे कूड़ा कलेक्शन से लेकर अन्य जानकारी मिलेगी।

स्थिति-अभी इंतजार करना होगा

2-पब्लिक फीडबैक-स्मार्ट एप की मदद से पब्लिक फीडबैक लिया जाना है।

स्थिति-एप की शुरुआत नहीं

3-ऑनलाइन अटेंडेंस-सभी सफाई कर्मियों को हाईटेक पहचान पत्र दिए जाने थे, जिससे उनकी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जा सकती है

स्थिति-अभी योजना की शुरुआत नहीं

4- कंप्लेंट सेंटर-हर जोन में कंप्लेंट सेंटर को शुरू किया जाना है, जिससे पब्लिक निगम से जुड़ी कोई भी समस्या दर्ज करा सकती है।

स्थिति-योजना इन वेंटिंग

इसका दिखा असर

1-रोड स्वीपिंग-इस योजना का जरूर असर दिखा, निगम प्रशासन ने रोड स्वीपिंग शुरू कराई

2-डस्टबिन-हाईटेक कॉम्पैक्टर की मदद से डस्टबिन से कूड़ा कलेक्ट करना हुआ आसान

मॉनीटरिंग की कमी

निगम प्रशासन की ओर से योजनाएं तो बना दी जाती हैं लेकिन उनकी कोई मॉनीटरिंग नहीं की जाती है। इसकी वजह से योजनाएं कागजों में ही सिमट कर रह जाती है। निगम प्रशासन को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।

खत्म हुई स्वच्छता परीक्षा

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की परीक्षा समाप्त हो चुकी है। इस परीक्षा के समाप्त होने के बाद स्थिति और भी बिगड़ती नजर आ रही है। कई प्रमुख मार्गो के किनारे कूड़े के ढेर नजर आ रहे हैं, जिसकी वजह से जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निशातगंज रोड के आसपास तो कूड़े के ढेर आसानी से देखे जा सकते हैं।