- प्राइवेट बीएड कॉलेजों में खाली रह गई हैं सीटें

- उच्च शिक्षा निदेशक ने रांची यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को दिया निर्देश

- झारखंड कंबाइंड की मेरिट लिस्ट से ही लिया जा सकेगा एडमिशन

राज्य के प्राइवेट बीएड कॉलेजों में एडमिशन का एक और मौका मिलेगा। इसके तहत वैसे स्टूडेंट्स का ही एडमिशन होगा, जिन्होंने इसी साल से शुरू हुए झारखंड कंबाइंड के टेस्ट में हिस्सा लिया और मेरिट लिस्ट में उनका नाम होगा। इस बाबत उच्च शिक्षा निदेशक ने काउंसिलिंग एजेंसी रांची यूनिवर्सिटी को तैयारी करने का निर्देश दिया है।

अब भी सात हजार सीटें खाली

रांची यूनिवर्सिटी को राज्य के सभी 136 बीएड कॉलेजों में एडमिशन के लिए काउंसिलिंग का जिम्मा सौंपा गया था। रांची यूनिवर्सिटी ने कुल 13600 सीटों के लिए काउंसिलिंग की। इसमें 10795 सीटें स्टूडेंट्स ने लॉक कर लिया। इस हिसाब से 2805 सीटें तब भी लॉक नहीं हुई थीं। दस हजार से ज्यादा सीटें लॉक होने के बावजूद करीब 3500 स्टूडेंट्स ने एडमिशन नहीं लिया। इस तरह करीब 6500 सीटों पर एडमिशन लिया जा चुका है पर अब भी 7100 के आसपास सीटें खाली हैं।

प्राइवेट कॉलेजों के आग्रह पर मौका

राज्य के सभी प्राइवेट कॉलेजों के प्रबंधन ने उच्च शिक्षा विभाग से आग्रह किया था कि उन्हें अपने यहां काउंसिलिंग के बाहर वाले स्टूडेंट्स का भी एडमिशन लेने की अनुमति दी जाए। उच्च शिक्षा विभाग ने इस पर विधि विभाग से राय मांगी। विधि विभाग ने दो मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर रिक्त सीटों पर एडमिशन की राय तो दी, लेकिन इसमें एक क्लाउज यह जोड़ा गया कि एडमिशन केवल झारखंड कंबाइंड के द्वारा जारी मेरिट लिस्ट को वेटिंग लिस्ट मानते हुए, उसी सूची से एडमिशन लिया जा सकता है।

एक हफ्ते में कार्रवाई

उच्च शिक्षा विभाग ने रांची यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर कहा है कि एक सप्ताह के भीतर एडमिशन प्रोसेस शुरू किया जाए। इसके तहत राज्य के सभी प्रमुख समाचार पत्रों में लगातार तीन दिनों तक विज्ञापन प्रकाशित कर वेट लिस्ट के स्टूडेंट्स को सूचना दी जानी है। इसके सात दिनों के भीतर अभ्यर्थी अपनी इच्छा के अनुसार संबंधित बीएड कॉलेज में अपना आवेदन सीएमएल रैंकिंग के साथ देंगे। इसी आधार पर एक हफ्ते के भीतर एडमिशन लिया जाएगा।

दूसरी बार भी मिलेगा मौका

उच्च शिक्षा निदेशक सुशांत गौरव ने अपने पत्र में स्पष्ट कहा है कि इस प्रक्रिया में जिन अभ्यर्थियों को अपनी पसंद के कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पाता है, तो उन्हें दूसरा मौका भी मिलेगा। इसके लिए उन्हें दोबारा एक सप्ताह के भीतर किसी और कॉलेज में एडमिशन लेने का मौका दिया जाएगा। तब सीएमएल रैंकिंग का अनुसरण जरूरी नहीं होगा।

गड़बड़ी न होने पाए

निदेशक ने कहा है कि पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग संबंधित यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि करेंगे। किसी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि और बीएड कॉलेज के प्रिंसिपल दोषी माने जाएंगे।