बेंगलुरु (पीटीआई)। शनिवार सुबह चंद्रमा की सतह पर उतरने वाले चंद्रयान 2 मिशन को तगड़ा झटका लगा है। लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किमी की दूरी पर था कि सिग्नल चला गया और इसरो का चंद्रयान से संपर्क टूट गया। इसके बाद चंद्रयान कहां गया यह किसी को नहीं पता। इसरो का कहना है वह डेटा एनालिसिस करके आगे की जानकारी देंगे।

लैंडर से टूट गया संपर्क

पृथ्वी से 48 दिन पहले प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान 2 पर इसरो लगातार नजर बनाए हुए था। बीते दिनों से सबकुछ प्लाॅन के मुताबिक चल रहा था। शनिवार तड़के 1:55 मिनट पर चंद्रयान की चंद्रमा पर साॅफ्ट लैंडिंग होनी थी मगर चंद्रयान अभी चंद्रमा की सतह से करीब 2 किमी दूरी पर था कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से उसका संपर्क टूट गया। इस बात की जानकारी इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने दी। सिवन ने कहा, 'चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी की दूरी तक लैंडर विक्रम प्लाॅन के मुताबिक काम कर रहा था। मगर अचानक लैंडर का पृथ्वी से संपर्क टूट गया।'


सबकुछ चल रहा था सामान्य
शनिवार तड़के लगभग 1.38 बजे जब 30 किलोमीटर की ऊंचाई से 1,680 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से 1,471 किलोग्राम के विक्रम चंद्रमा ने सतह की ओर बढ़ना शुरू किया, तब सबकुछ ठीक था। उस वक्त इसरो के सभी वैज्ञानिक इस पर कड़ी नजर रखे थे। यही नहीं पीएम नरेंद्र मोदी भी उस वक्त इसरो सेंटर में मौजूद थे। लैंडर के उतरते वक्त सभी काफी खुश थे। कंट्रोल रूम से एनांउस भी किया गया था कि, 'यह मिशन कंट्रोल सेंटर है। विक्रम लैंडर उतर रहा था और लक्ष्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका काम सामान्य था। उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया। आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।'

अब भी लगी है आस

इसरो ने इस मिशन के असफल या सफल होने की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है उन्होंने बस सिगनल टूटने की बात बताई है। ऐसे में उम्मीद है कि सिग्नल अगर वापस मिल जाए तो आगे की प्रकि्रया शुरु हो सकती है।

 

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