एमफिल में एडमिशन के लिए एंट्रेंस का बदला तरीका

सीसीएसयू में यूजीसी के निर्देशों पर बदलाव की तैयारी

50 फीसदी सवाल संबंधित सब्जेक्ट से होंगे एंट्रेंस में

50 फीसदी सवाल रिसर्च एप्टीट्यूड, ब्रेन स्ट्रॉमिंग और आईसीटी से होंगे

एंट्रेंस पास होने के बाद एक इंट्रोडक्शन सेशन भी होगा

Meerut। सीसीएस यूनिवर्सिटी कैंपस और संबद्ध कॉलेजों में अब एमफिल एंट्रेस अब कठिन होगा। दरअसल, अब एमफिल में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस का तरीका बदल गया है। नए बदलाव के मुताबिक अब संबंधित सब्जेक्ट के पेपर को पास करने से एडमिशन नहीं होंगे। बल्कि एमफिल एंटे्रंस में आईसीटी शोध, ब्रेन स्ट्रॉर्मिग आदि को भी जोड़ा गया है। अब स्टूडें्स को इस पैटर्न में भी पासिंग मार्क लाने होंगे।

50 फीसदी होंगे सवाल

गौरतलब है कि यूजीसी ने बीते दिनों एमफिल एंट्रेस के सिलेबस में बदलाव के निर्देश दिए थे। इसके मुताबिक एमफिल एंट्रेंस के प्रश्नों में बदलाव किया जाएगा। इसके तहत 50 फीसदी सवाल संबंधित सब्जेक्ट से होंगे। जबकि 50 फीसदी सवाल रिसर्च एप्टीट्यूड, ब्रेन स्ट्रॉमिंग और आईसीटी (इनफॉरमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्निक) के होंगे।

पीएचडी में छूट

बताते चलें कि अच्छे स्टूडेंट्स के चयन के लिए पीएचडी में प्रवेश के लिए कई बार बड़े बदलाव किए जा चुके हैं। चूंकि एंट्रेंस से एमफिल करने पर स्टूडेंट्स को संबंधित यूनिवर्सिटी में पीएचडी में प्रवेश की छूट है। ऐसे स्टूडेंट पीएचडी के लिए परीक्षा नहीं देनी पड़ती है।

महज पेपर से नहीं होगा काम

यूजीसी ने एमफिल में प्रवेश के लिए होने वाले टेस्ट में बदलाव करने के निर्देश दिए हैं। एमफिल में अभी तक 70 फीसदी सब्जेक्ट से आते थे और 30 फीसदी अन्य सेक्शन से क्वेश्चन आते थे। यूनिवर्सिटी ने अब 30 फीसदी अन्य सेक्शन के सवालों को 50 फीसदी कर दिया है। ऐसे में 50 फीसदी सवाल विषय से होंगे और 50 शोध क्षमता, शोध तार्किकता, सामान्य अध्ययन व आईसीटी (इनफॉरमेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्निक) से होंगे। टेस्ट क्लियर होने के बाद एक इंट्रोडक्शन होगा, जिसमें उनसे केवल कुछ नार्मल सवाल-जवाब होंगे, देखा जाएगा कि वाकई वो स्टूडेंट कितने सक्षम है।

क्या होता है ब्रेनस्टॉर्मिग

यह एक नए विचारों को पैदा करने का एक सच्चा दृष्टिकोण होता है। इसके जरिए प्रतिभागी की बुद्धिशीलता का परीक्षण किया जाता है, लिहाजा एमफिल एंट्रेंस में अब ब्रेन्स्ट्रॉर्मिग से जुड़े भी सवाल आएंगे।

यूजीसी के निर्देशानुसार इस बार एमफिल एंट्रेंस में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। प्रयास है कि स्टूडेंट्स को बेहतर एजुकेशन दी जाए व बेहतर शिक्षक उभरकर सामने आएं।

प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू

अगर सब्जेक्ट का 50 प्रतिशत पेपर होगा तो एग्जाम आसान हो जाएगा। एप्टीट्यूट सब्जेक्ट के सवाल ज्यादा आसान आते हैं। इससे पेपर पास करना मेरे हिसाब से और भी आसान होगा।

बबीता

मेरे हिसाब से टेस्ट के बाद अगर इंट्रोडक्शन राउंड होगा तो इससे केवल वहीं स्टूडेंट्स सेलेक्ट हो पाएंगे जो वास्तव में इसके लायक है। अक्सर सब्जेक्ट के सवाल पर ज्यादा मुश्किल आती है अगर वो कम होंगे तो पेपर आसान होगा।

अंशु