- प्रशांत की थ्योरी को एसआईटी ने पाया फर्जी, सेल्फ डिफेंस नहीं हत्या के इरादे से गोली चलाने की पुष्टि

- कॉन्सटेबल संदीप पर सना के संग मारपीट का आरोप, हत्या के मामले में क्लीनचिट

LUCKNOW: बीते दिनों प्रदेश के सियासी हलके में भूचाल ला देने वाले विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर ली है, जिसे एक-दो दिन में कोर्ट में दाखिल कर दिया जाएगा । इस चार्जशीट में आरोपी कॉन्सटेबल प्रशांत चौधरी को हत्या का दोषी बताते हुए धारा 302 के तहत आरोपी बनाया गया है। वहीं, घटना के वक्त मौजूद रहे कॉन्सटेबल संदीप पर सना के साथ मारपीट का ही आरोप लगाया गया है। पूरी जांच में फॉरेंसिक रिपोर्ट को भी आधार बनाया गया है।

विवेक बचने के लिये भागे थे

मामले के विवेचक इंस्पेक्टर विकास पांडेय ने जांच में पाया कि प्रशांत ने आत्मरक्षा नहीं बल्कि सामने खड़े होकर विवेक की हत्या के इरादे से ही गोली चलाई थी। एक्सयूवी देखकर सिपाही प्रशांत साथी संदीप को लेकर सामने की ओर से आकर गाड़ी साइड स्टैंड लगाकर आगे खड़ी कर दी। चार्जशीट में कहा गया है कि प्रशांत ने अपने बयान में झूठ बोला था कि एक्सयूवी खड़ी थी और विवेक तिवारी ने उसकी बाइक देखकर टक्कर मारी, जिससे बाइक के साथ वह बाएं गिरा। उसके दाहिने घुटने में चोट और फॉरेंसिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि बाइक सरयू अपार्टमेंट की ओर दाहिने ओर गिरी थी। विवेक सिपाहियों से बचने के लिए बाई ओर साइड से गाड़ी मोड़कर भागे, जिसमें अगला पहिया बाइक पर चढ़ गया और बंपर फंसकर टूट गया। विवेक का कॉन्सटेबल्स पर एक्सयूवी चढ़ाने का कोई इरादा नहीं था। इसी बीच प्रशांत ने गोली चला दी, जो विवेक के ठुड्डी पर लगी। आगे जाकर एक्सयूवी अनियंत्रित होकर पोल से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई।

सना-विवेक नहीं थे आपत्तिजनक स्थिति में

घटना के वक्त कॉन्सटेबल प्रशांत चौधरी के साथ मौजूद कॉन्सटेबल संदीप कुमार पर चार्जशीट में सना को डंडा मारने के लिए मारपीट का दोषी मानते हुए 323 आईपीसी की धारा लगाई गई है। संदीप को विवेक तिवारी की हत्या के मामले में क्लीनचिट दे दी गई है। फॉरेंसिक व एसआईटी जांच में संदीप को विवेक की हत्या का दोषी नहीं पाया गया है। चार्जशीट में बताया गया है कि सना और विवेक ने सीट बेल्ट लगा रखी थी। घटना के समय गाड़ी चल रही थी। गोली लगने के बाद बेल्ट पर खून के छींटे मिले हैं। अगर बेल्ट न लगी होती तो कपड़ों के साथ बेल्ट पर खून के धब्बे न होते। अगर सना और विवेक कॉन्सटेबल प्रशांत द्वारा लगाए गए आरोप के मुताबिक आपत्तिजनक स्थिति में होते तो उन लोगों ने सीट बेल्ट न बांध रखी होती।

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तत्कालीन सीओ और इंस्पेक्टर लापरवाही के दोषी

उधर, इस मामले में बुधवार को ही आई एसआईटी रिपोर्ट में तत्कालीन सीओ गोमतीनगर चक्रेश मिश्र और इंस्पेक्टर डीपी तिवारी को लापरवाही का आरोपी माना गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इनकी लापरवाही के चलते पूरे मामले में पुलिस की छवि धूमिल हुई है। थाने में प्रशांत को बुलाकर मीडिया से आमना-सामना कराने समेत कई प्रमुख तथ्य एसआईटी रिपोर्ट में शामिल किये गए हैं और इसे डीजीपी को भेजा गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि एसएसपी ने पत्रकार वार्ता कर आरोपी कॉन्सटेबल्स को जेल भेजने की बात कही। उधर सीओ और इंस्पेक्टर ने दोनों कॉन्सटेबल्स को थाने बुलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करा दी।

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'संदीप पर भी चले हत्या का मुकदमा'

विवेचक द्वारा कॉन्सटेबल संदीप कुमार को क्लीन चिट देने पर विवेक की पत्नी कल्पना ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि संदीप भी उनके पति की हत्या में दोषी है, जितना प्रशांत चौधरी। उसके खिलाफ भी धारा-302 के तहत मुकदमा चलना चाहिये। उन्होंने कहा कि अब उन्हें सिर्फ कोर्ट पर ही भरोसा है। वह अपना पक्ष वहीं रखेंगी। संदीप को क्लीनचिट मिलने की खबर से विचलित कल्पना ने कहा कि अगर संदीप पति की हत्या में दोषी नहीं था तो वह प्रशांत को गोली चलाने समय रोक लेता। दोनों ने आपसी सहमति से प्रशांत को गोली मारी है। इसलिए, उस पर हत्या का केस ही चलना चाहिये।