- यौन उत्पीड़न और दलित उत्पीड़न के मामले में पुलिस ने दो प्रोफेसरों पर दाखिल की चार्जशीट

ROORKEE: पिछले साल प्रकाश में आए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की की अनुसूचित जाति की शोधार्थी के यौन उत्पीड़न और दलित उत्पीड़न मामले में पुलिस ने दो प्रोफेसरों पर चार्जशीट दाखिल कर दी है. सिविल लाइंस कोतवाली में यह मुकदमा दर्ज हुआ था.

शोधार्थी ने उत्पीड़न के लगाए थे आरोप

आईआईटी रुड़की की अनसूचित जाति की एक शोधार्थी ने 16 दिसंबर 2018 को सिविल लाइंस कोतवाली पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें बताया था कि आईआईटी रुड़की के दो प्रोफेसरों ने उसके साथ छेड़छाड़ की है. साथ ही दलित उत्पीड़न के आरोप लगाए. शोधार्थी ने आरोप लगाए थे कि 14 दिसंबर को उस पर दो युवकों ने जानलेवा हमला किया था. वह किसी तरह से बचकर निकली थी. उसने आईआईटी के कुछ अधिकारियों पर हमला कराने का आरोप लगाया था. इस मामले में शोधार्थी के समर्थन में आए भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली में धरना देकर हंगामा किया था. तत्कालीन एसएसपी रिधिम अग्रवाल ने इस मामले की जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में एसआइटी गठित की थी. एसआईटी की जांच रिपोर्ट के बाद एसएसपी के निर्देश पर सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने 19 दिसंबर 2018 को आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर पी. गोपीनाथ और विकास पुरुथी पर मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले की जांच सीओ चंदन सिंह बिष्ट कर रहे थे. इस मामले में विवेचक ने कई शोधार्थियों के बयान भी दर्ज किए थे. इस मामले में पुलिस ने आईआईटी के दो प्रोफेसरों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. एसपी देहात नवनीत सिंह ने भी इसकी पुष्टि की है. इससे पहले आईआईटी की एक अन्य शोधार्थी के उत्पीड़न में पुलिस पहले ही एक प्रोफेसर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.