- प्रभारी रजिस्ट्रार ने छुट्टी के दिन जारी किए निकालने के आदेश

- डिपार्टमेंट्स को भेजे गए पत्र, कर्मचारी कोर्ट में जाने को तैयार

- 6 डीआर से पंगा लेने वाले व 4 रजिस्ट्रार के साथ वाले शामिल

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में वीसी और रजिस्ट्रार की लड़ाई में आखिरकार कर्मचारी पिस गए। वीसी के निर्देश पर यूनिवर्सिटी के दस संविदा कर्मचारियों की छुट्टी कर दी, जिनमें कुछ प्रभारी रजिस्ट्रार के साथ भिड़ने वाले और कुछ रजिस्ट्रार मनोज कुमार की सेवा में रहने वाले शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ संबंधित डिपार्टमेंट को नोटिस जारी करते हुए किसी भी कर्मचारी से काम नहीं लिए जाने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही इनको सेलरी भी नहीं दिए जाने का नोटिस जारी किया गया। जिसको लेकर कर्मचारियों में अफर-तफरी का माहौल बन हुआ है। काम से निकाले जाने वाले ये कर्मचारी कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।

यह है सीन

यूनिवर्सिटी अक्टूबर से वीसी और रजिस्ट्रार के बीच लड़ाई चल रही है। जिसमें वीसी ने रजिस्ट्रार मनोज कुमार को कार्यमुक्त करते हुए रिलीव भी कर दिया। इसके बाद प्रभारी रजिस्ट्रार डीआर प्रभाष द्विवेदी को चार्ज सौंपा गया, जिन्होंने आते ही कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार दे दिया। साथ ही जांच भी बैठा दी। इस मामले को लेकर कर्मचारी भड़क गए और उन्होंने प्रभाष द्विवेदी के साथ अभद्रता कर दी। जिसमें प्रभाष द्विवेदी ने थाने में पांच कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा कायम करा दिया।

बनाई गई जांच कमेटी

प्रभाष द्विवेदी के खिलाफ कर्मचारियों ने भी थाने में तहरीर दी थी, लेकिन उसको पुलिस द्वारा नकार दिया गया था। जिसको लेकर कर्मचारी डीएम से गुहार लगाने गए तो उनमें से एक कर्मचारी को सीओ ने छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए जेल भिजवा दिया था, जिसके बाद से कर्मचारियों को राहत के बदले आफत का सामना करना पड़ रहा था। इन कर्मचारियों के खिलाफ रिटायर जज की अगुवाई में एक जांच कमेटी भी बनाई गई थी। कमेटी ने सभी आरोपी कर्मचारियों से आरोपों के सापेक्ष अपने पक्ष मांगे थे।

अब नौकरी से निकाला

इस मामले में कर्मचारियों का कहना है कि उनको जांच कमेटी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद कब क्या हुआ इनको कुछ पता नहीं। अब यूनिवर्सिटी के इन सभी आरोपी पांच कर्मचारियों के साथ रजिस्ट्रार मनोज कुमार के ऑफिस में काम करने वाले अन्य पांच कर्मचारियों को भी नौकरी से निकालने का फरमान जारी कर दिया। शासन से नियुक्त रजिस्ट्रार मनोज कुमार के साथ काम करने का इन पांच कर्मचारियों को खामियाजा भुगतना पड़ा। जो वीसी की मानते तो भी नौकरी से जाते और रजिस्ट्रार की मानी तो भी नौकरी से गए।

कोर्ट जाने की तैयारी

निकाले गए कर्मचारियों में प्रोक्टर कार्यालय में तैनात रमेश यादव, सामान्य विभाग में तैनात कपिल शर्मा, कंप्यूटर सैल में तैनात अवधेश त्यागी, आईबीएस में तैनात मनोज त्यागी, कैंपस सैल में सुनील पांडे, परीक्षा विभाग में तैनात शिवकुमार व रजिस्ट्रार कार्यालय में तैनात तेज बहादुर, रमेश, बिंद्रा प्रसाद और विनोद कुमार शामिल हैं। जिनके खिलाफ दो फरवरी को प्रभाष द्विवेदी द्वारा छुट्टी पर होते हुए निकाले जाने का यह नोटिस जारी किया है। इन सभी कर्मचारियों का वेतन रोकने और काम से निकाले जाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

यह है आदेश

प्रभाष द्विवेदी की ओर से जारी इस आदेश में कहा गया है कि कुलसचिव के ऊपर क्8 नवंबर ख्0क्ब् को हुए हमले और माननीय कुलपति के आदेशों की अवमानना के चलते यूनिवर्सिटी के दैनिक वेतन कर्मियों कुशल व अकुशल का नवंबर व दिसंबर का पारिश्रमिक कुलपति के आदेशानुसार रोक दिया गया था। एक माह जनवरी के उपरांत नियोजन की स्वीकृति कुलपति महोदय के द्वारा नहीं प्रदान की गई है। इन कर्मियों के माह जनवरी व पारिश्रमिक देयक भुगतान हेतु संस्तुति न की जाए।

कोर्ट में जाने की तैयारी

आदेश में कहा गया है कि इन कर्मियों के कार्य की आवश्यकता न होने के कारण इनसे संबंधित अनुभाग व विभाग में कार्य न लिया जाए। इन सभी आदेशों का तत्काल पालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जाए। सभी डिपार्टमेंट में यह आदेश पहुंचते ही कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।

जिन कर्मचारियों की छुट्टी की गई है, उनमें कई दस साल से काम कर रहे हैं। इस फैसले से उनके परिवार की रोटी पर बन आएगी। सभी कर्मचारी अब कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

-अवधेश, कर्मचारी नेता