शासन ने किया फैसला, सड़क हादसों में मिलेगी मदद

Meerut। इमरजेंसी के समय मरीजों को तत्काल इलाज की सुविधा मुहैया करवाने के लिए शासन ने एक और पहल की है। इसके तहत हाईवे पर बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ट्रॉमा सेंटर बनाएं जाएंगे। एक्सीडेंट होने पर मरीज को समय रहते इलाज देकर उनकी जान बचाई जा सके इस उददेश्य से सरकार ये योजना लागू कर रही है।

24 घंटे चलेंगे ट्रॉमा सेंटर

अपग्रेड होने वाले सामुदायिक केंद्रों पर 24 घंटे ट्रॉमा सेंटर चलाएं जाएंगे। इसके साथ ही यहां हर वक्त एंबुलेंस की सुविधा भी रहेगी। दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को घटना के तत्काल बाद ट्रीटमेंट मुहैया कराने के लिए ये फैसला किया गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को हाईवे पर स्थित सामुदायिक केंद्रों की सूची बनाकर शासन को भेजेगा।

5 किमी का दायरा

ट्रॉमा सेंटर बनाने के लिए राष्ट्रीय और स्टेट हाईवे के 5 किमी तक के दायरे में स्थित सीएचसी को चिह्नित किया जाएगा। अभी तक शासन की ओर से इमरजेंसी की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके बाद ट्रॉमा सेंटर बनाए जाने के बाद मरीजों को अधिक सुविधा मिल सकेगी। शासन का कहना है कि हाईवे स्थित सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर ट्रॉमा सेंटर नहीं होते हैं जिसकी वजह से दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को समय पर इलाज नहीं मिल पाता जबकि कई बार अधिक गंभीर स्थिति होने की वजह से एक्सीडेंट होने से मरीज की मौत तक हो जाती है। सीएचसी पर ट्रॉमा सेंटर अपडेट होने के बाद एक्सीडेंट से होने वाली मौतों को काफी हद तक रोका जा सकता है।

सीएचसी पर ट्रॉमा सेंटर बनाने के लिए शासन ने योजना बनाई है। सीएचसी को चिह्नित कर सूची भेजी जाएगी।

डॉ। राजकुमार, सीएमओ