-बच्चों के इंट्रेस्ट ऑफ एरिया और उसकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए करें स्कूल का सेलेक्शन

-यह बच्चों के फ्यूचर और ग्रोथ में होता है हेल्पफुल

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PRAYAGRAJ: बच्चों के एडमिशन को लेकर पैरेंट्स के मन में कई क्वैरीज चलती रहती हैं। इनमें सबसे इंपॉर्टेट होता है राइट स्कूल का सेलेक्शन। कई बार पैरेंट्स स्कूल की वेबसाइट पर मौजूद सुविधाओं को देखते हुए अपने बच्चों के लिए स्कूल चुन लेते हैं। जबकि रियलिटी कई बार इससे बिल्कुल उलट होती है। एडमिशन के बाद जब इन बातों का पता चलता है तो पैरेंट्स भी खुद को ठगा हुआ महसूस करते है। ऐसे में जरूरी है कि सिर्फ वेबसाइट पर ही स्कूल की स्थिति और उसकी सुविधाओं को देखकर उसे फाइनल न करें। बहुत जरूरी है कि एडमिशन से पहले स्कूलों की ग्राउंड रियलिटी भी चेक करें। ताकि आपको स्कूल में मिलने वाली फैसिलिटीज के सच से आप भी रूबरू हो सकें।

बच्चों के रिक्वॉयरमेंट का रखें ध्यान

अपने बच्चे के लिए सही स्कूल का सेलेक्शन करते समय उसके इंट्रेस्ट को भी देखे। एक्सप‌र्ट्स कहते हैं कि किसी भी स्कूल का सेलेक्शन करने से पहले अपने बच्चे का एरिया ऑफ इंट्रेस्ट भी समझना बहुत जरूरी है। अगर बच्चा एकेडमिक्स को लेकर ज्यादा इंट्रेस्टेड है तो ऐसे स्कूल का सेलेक्शन करें जहां एकेडमिक्स पर फोकस किया जाता है। अगर बच्चे का इंट्रेस्ट स्पो‌र्ट्स में है तो फिर उसीके मुताबिक स्कूल का सेलेक्शन करें। एमपीवीएम की प्रिंसिपल सुष्मिता कानूनगो बताती हैं कि हमारे अपनी सोसाइटी में कई एग्जांपल्स मौजूद हैं। इसमें देखने को मिला कि बच्चे के इंट्रेस्ट के मुताबिक स्कूल के सेलेक्शन के बाद बच्चे की कॅरियर ग्रोथ काफी बेहतर रही। सिटी के ही एक स्टूडेंट्स रहे फिल्म व टीवी एक्टर सिद्धार्थ निगम इसका सटीक एग्जांपल हैं। सिद्धार्थ का शुरू से जिमनास्टिक्स में इंट्रेस्ट था। पैरेंट्स ने भी उसके इंट्रेस्ट को ध्यान में रखते हुए स्कूल का सलेक्शन किया। आज वह शो-बिज व‌र्ल्ड में अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं।

ताकि बाद में न हो पछतावा

एजुकेशन एक्सपर्ट व प्रिंसिपल सुष्मिता कानूनगो बताती हैं कि हर स्कूल की अपनी डिफरेंट प्रियॉरिटीज होती हैं। ऐसे में स्कूल उस दिशा में ही सबसे अधिक फोकस करता है। लेकिन पैरेंट्स को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि उनके बच्चे की क्षमता क्या है। उनकी खुद की नीड कैसी है। इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए स्कूल का सेलेक्शन करेंगे तो आगे चलकर खुद को ठगा हुआ महसूस नहीं करेंगे।

स्कूल का सलेक्शन करने से पहले खुद के बच्चे का इंट्रेस्ट देखे। उसके बाद जरूरत के हिसाब से सुविधाओं से लैश स्कूल का सलेक्शन करें।

-सुष्मिता कानूनगो

प्रिंसिपल, एमपीवीएम

बेटी का एडमिशन कराने से पहले खुद अपनी पत्नी के साथ स्कूल जाकर वहां की व्यवस्था देखा। संतुष्ट होने के बाद ही एडमिशन के लिए आवेदन किया।

-राम अवतार गुप्ता