पटना (ब्यूरो)। आचार्य पंडित विनोद झा वैदिक का कहना है कि 31 अक्टूबर यानी गुरुवार को नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू हो जाएगा। पहले दिन व्रती गंगा में स्नान कर वस्त्रों की साफ-सफाई करेंगे। साथ ही गंगा के पानी से ही घरों की धुलाई की जाएगी। उसी दिन व्रती गंगा एवं अन्य नदी-जलाशयों में स्नान करने के बाद अरवा चावल, चना की दाल एवं कद्दू की सब्जी का प्रसाद ग्रहण करेंगे।

दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन अस्ताचलगामी भास्कर को अर्घ्य

दूसरे दिन यानी शुक्रवार को दिनभर उपवास करने के बाद शाम को व्रती स्नान कर खीर एवं रोटी का प्रसाद बनाकर ग्रहण करेंगे। इसे खरना कहा जाता है। तीसरे दिन यानी शनिवार को छठव्रती दिनभर निर्जला उपवास करने के बाद अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देंगे। रविवार को उगते हुए सूर्य को छठ का दूसरा अ‌र्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद हवन होगा और इसके साथ ही चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व समाप्त हो जाएगा।

राजधानी पटना में छठ महापर्व की तैयारी शुरू

राजापुर स्थित सियाबिहारी कुंज ठाकुरबाड़ी के महंत पं।नागेंद्र दास का कहना है राजधानी में काफी जोर-शोर से छठ महापर्व की तैयारी शुरू हो गई है। घर से लेकर बाजारों तक छठ की रौनक दिखने लगी है। शहर के वातावरण में भी छठी माई के गीतों की गूंज सुनाई पड़ने लगी है। छठ करने के लिए बाहर से आने वाले लोगों का सिलसिला भी शुरू हो गया है।

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