- इतिहास का पहिया देख रहा कई रिकार्ड

PATNA : इतिहास का पहिया घूमा और लालू-नीतीश फिर से एक हो गए। बीच में ऐसी दुश्मनी हुई कि लालू चारा घोटाले में फंसे और जेल गए। जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट से जल्दी सुनवाई करने का आग्रह किया उस ललन सिंह को लोकसभा का चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने राज्यपाल कोटे से विधान परिषद् भिजवाया (सीएम जीतन राम मांझी ने भेजा था प्रस्ताव) और फिर मंत्री भी बनवाया। लालू समर्थकों ने तब आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार ने ही जेल भिजवाया। एनडीए गठबंधन से लड़ने की बारी आई तो बीजपी, लोजपा, रालोसपा, हम ने गठबंधन बनाया और उधर जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस ने। सपा और एनसीपी ऐन समय पर टिकट बंटवारे से नाराज होकर महागठबंधन से अलग हो गई। असल बात ये कि लालू और नीतीश ने दुश्मनी भूल नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक रथ का पहिया बिहार में रोक दिया। रथ दिल्ली में भी रूका था बीजेपी का लेकिन बिहार ने अलग ही मैसेज दिया। जिस लालू प्रसाद को चारा घोटाले में सजा हुई उस लालू प्रसाद के परिवार से दोनों बेटे चुनाव जीत गए। रामविलास पासवान के परिवारवाद को झटका लगा। उनके भाई पशुपतिनाथ पारस चुनाव हार गए। ये अजीब हुआ कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपने क्षेत्र मखदुमपुर से चुनाव हार गए और इमामगंज से विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को हराने में सफल हो गए।

अब इतिहास ही बनेगा कि लालू प्रसाद की उपस्थिति में नीतीश कुमार सीएम पद की शपथ लेंगे। नीतीश लगातार पांचवीं बार सीएम पद की शपथ लेने वाले बिहार के पहले नेता बन जाएंगे। ये भी इतिहास ही बनेगा कि किसी सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में नौ राज्यों के मुख्यमंत्री व पूर्व प्रधानमंत्री भी शिरकत करेंगे। इतिहास ही बनेगा कि लालू प्रसाद बिहार की राजनीति में फिर से बिना मुख्यमंत्री बने ताकतवर नेता के रूप में दिखेंगे। ऐसे दो बार होगा जब दो बार नीतीश कुमार लगातार सीएम पद की शपथ लेंगे। जो नीतीश कुमार राजनीति से निराश हो चले थे वे फिर से देश की राजनीति के बारे में सोचने लगे। इतने भव्य शपथ ग्रहण सामारोह आयोजन का रिकार्ड ही गांधी मैदान में बनेगा। चुनाव में इतने सारे बयानों और प्रत्युत्तर में दिए गए बयानों के बीच ये सबसे ताकतवर शब्द होंगे जब नीतीश कुमार कहेंगेमैं शपथ लेता हूं कि