कमरा किसी और को अलॉट, रह रहा है कोई और

रात में छापेमारी की कार्रवाई का बनाया जा रहा है प्लान

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन को फोर्स मिलने का है इंतजार

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल्स में वॉशआउट के बाद तेजी से दबंगों का कब्जा होता चला जा रहा है। कमरे किसी और के नाम पर आवंटित हैं और रह कोई और रहा है। इससे परेशान इविवि प्रशासन एक बार फिर हॉस्टल्स में सुधार के लिए फुलप्रूफ प्लानिंग कर रहा है।

बन रही अपराध की पृष्ठभूमि

गौरतलब है कि न्यू एकेडमिक सेशन 2017-18 की शुरुआत से पहले सभी हॉस्टल्स को पूरी तरह खाली करवा लिया गया था। लेकिन कुछ माह के भीतर ही स्थिति पहले जैसी ही नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि हॉस्टल्स में कमरे किसी और के नाम पर आवंटित हैं, लेकिन उनमें रह कोई और रहा है। इविवि प्रशासन को लगातार सूचना मिल रही है कि हॉस्टल्स में अपराधी किस्म के लोग रुककर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

वार्डन-सुप्रीटेंडेंट पर भी शक

माना जा रहा है कि हॉस्टल्स में अवैध कब्जा बिना वार्डन और सुप्रीटेंडेंट की मिलीभगत के नहीं हो सकता। इनकी जानकारी में ही बाहरी तत्व आ जा रहे हैं। इसके मद्देनजर पिछले दिनों पुलिस ने ताराचंद छात्रावास में रात में अचानक निरीक्षण भी किया था। इसके बाद तीन अन्त:वासियों को निलंबित किया गया था। इनमें से एक हाल ही में छात्रसंघ चुनाव में निर्वाचित भी हुआ है। हालांकि, निलंबित तीन अन्त:वासियों में दो ने चीफ प्रॉक्टर कार्यालय को दिए जवाब में खुद को निर्दोष बताया है।

डीएम व एसएसपी से करेंगे मुलाकात

विवि प्रशासन हॉस्टल में काबिज हो चुके दबंगों को खदेड़ने के लिए डीएम और एसएसपी से फोर्स की डिमांड के लिये एक दो दिन में मुलाकात करेगा। फोर्स की मदद से हॉस्टल में रात के समय छापेमारी की होगी। इसके लिए संदिग्ध कमरों को चिन्हित किया जा रहा है। विवि प्रशासन छात्रसंघ चुनाव के समय ताराचन्द छात्रावास में पहुंचे बसपा नेता राजेश यादव की हत्या के बाद से भी सतर्कता बरत रहा है।

जस्टिस त्रिवेदी की अध्यक्षता में कमेटी

इसके लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस त्रिवेदी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी छापेमारी में पकड़े जाने वाले लड़कों से जुड़े गंभीर मामलों की सुनवाई करेगी। इस बाबत चीफ प्रॉक्टर प्रो। आरएस दुबे का कहना है कि हॉस्टल वॉशआउट के मसले पर हाईकोर्ट का आदेश था। ऐसे में हॉस्टल में दोबारा से अवैध कब्जा कोर्ट के फैसले की अवमानना है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई के दौरान जो भी पकड़ा जाएगा उसे बख्शेंगे नहीं।

चीफ प्रॉक्टर कार्यालय से एक नोटिस जारी की जाएगी। इसमें छात्रों से अपील की जाएगी कि यदि उन्होंने किसी को अवैध कब्जा देने में मदद की है तो अपनी गलती स्वीकार कर लें। गलती स्वीकारने वालों के खिलाफ विवि प्रशासन कार्रवाई नहीं करेगा। रात में छापेमारी का प्लान तैयार किया जा रहा है।

-प्रो। रामसेवक दुबे, चीफ प्रॉक्टर, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी