इस सप्ताह से शुरू होगा भवन और टैक्स का असेसमेंट

जियो इंफोसिस को नगर निगम ने दी जिम्मेदारी

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PRAYAGRAJ: मकान के कार्पेट एरिया से अधिक हाउस टैक्स आता है, तो भवन स्वामी अप्लीकेशन लेकर सुधार कराने नगर निगम में पहुंच जाते हैं. इसके उलट कार्पेट एरिया बढ़ने पर कोई भवन स्वामी स्वत: चलकर नगर निगम को यह बताने नहीं पहुंचता कि उसके भवन का कार्पेट एरिया बढ़ गया है. इसलिए हाउस टैक्स संशोधित किया जाए. शहर में ऐसे हजारों मकान हैं, जिनका नक्शा पिछले 10-20 वर्षो में पूरी तरह बदल गया है. इनका हाउस टैक्स पहले की तरह ही आ रहा है. ऐसे मकानों से कार्पेट एरिया के अनुसार हाउस टैक्स वसूलने के लिए नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन एक बार फिर से मकानों का सर्वे कराने जा रहा है.

रिहायशी एरिया में कॉमर्शियल यूज

नए टैक्स असेसमेंट में ये देखा जाएगा कि टैक्स असेसमेंट के बाद लोगों के रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल बिल्डिंग में कितना बदलाव हुआ है. जितने भी कमरे बने हैं, या फिर एरिया बढ़ाया गया है, वह टैक्स के दायरे में है या नहीं. नगर निगम द्वारा कॅमर्शियल बिल्डिंगों का असेसमेंट कराने के बाद भी कई मकान ऐसे हैं, जो रेजिडेंशियल होने के बाद भी कमर्शियल उपयोग किए जा रहे हैं. हाउस टैक्स रेजिडेंशियल ही दिया जा रहा है. बता दें कि नगर निगम सदन में नगर आयुक्त डा. उज्जवल कुमार ने पार्षदों के सामने यह स्पष्ट किया था कि हाउस टैक्स जमा करने में मनमानी करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. प्रत्येक भवन स्वामी से नियम के अनुसार ही टैक्स वसूला जाएगा. जितना बड़ा भवन होगा और जितना कार्पेट एरिया होगा उसी के अनुसार हाउस टैक्स लिया जाएगा. वहीं अगर कार्पेट एरिया से किसी का हाउस टैक्स ज्यादा होगा तो उसे कम भी किया जाएगा.

जियो इंफोसिस कंपनी को नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन ने सर्वे की जिम्मेदारी सौंपी है. वह इस सप्ताह प्रयागराज आ जाएगी. अपने स्तर पर सर्वे शुरू करेगी. सर्वे शुरू करने से पहले कंपनी के अधिकारी सर्वे का पूरा तरीका अधिकारियों को बताएंगे.

पीके मिश्रा

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी