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RANCHI : स्टेट के बच्चों को अब 9वीं क्लास से ही कानून का जानकार और एक्सपर्ट बनाने की मुहिम शुरू की जाएगी. उन्हें इस क्लास से ही कोर्स में कानून की पढ़ाई कराने की तैयारी की जा रही है. नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) की तर्ज पर झारखंड में भी लीगल कैडेट कॉर्प (एलसीसी) तैयार किए जाएंगे. राज्य के सभी गवर्नमेंट स्कूल में नौवीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ ही उन्हें लॉ की जानकारी दी जाएगी, ताकि भविष्य में वे न्यायिक पदाधिकारी बन सकें. ऐसा करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य होगा.

तीन हजार स्कूलों के स्टूडेंट्स

एलसीसी की स्थापना झारखंड लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (झालसा) की ओर से किया जा रहा है. फ‌र्स्ट फेज में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में एलसीसी का संचालन किया जायेगा. शुरुआत में प्रति स्कूल से 25 कैडेट शामिल किये जायेंगे. पहले चरण में 700 स्टूडेंट्स को एलसीसी बनाया जाएगा. इसके तीन माह बाद तीन हजार सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को एलसीसी बनाया जाएगा.

अधिकार की भी देंगे जानकारी

एलसीसी छट्टी में आसपास के ग्रामीणों को कानून के जानकार अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे. गांवों में लोक अदालत, मध्यस्थता व मूट कोर्ट का भी अभ्यास किया जाएगा, ताकि ग्रामीण अदालती प्रक्रिया जान सकें. एलसीसी ग्रामीणों के साथ घुल-मिलकर समस्या जानने की कोशिश करेंगे. गांव के बच्चों के साथ खेलों का आयोजन होगा, जिसमें उनकी शिक्षा व आरटीई के अनुपालन का पता लग सकेगा.

ऐसी होगी प्रशासनिक संरचना

स्टेट लेवल पर एक सलाहकार समिति होगी, जो एलसीसी योजना के क्रियान्वयन के लिए सर्वोच्च निकाय होगी. झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष सर्वोच्च अधिकारी होंगे, जबकि सचिव व झालसा के सदस्य सलाहकार होंगे. कार्यक्रम समन्वयक वरीय न्यायिक अधिकारी होंगे. जबकि स्कूल के प्रिंसिपल को पदाधिकारी बनाया जायेगा. एलसीसी वालेंटियर भी बनाये जायेंगे.

पदनाम भी हो गए हैं तय

नालसा के मुख्य संरक्षक चीफ सुप्रीम कमांडर व कार्यकारी अध्यक्ष फील्ड मार्शल होंगे. झालसा के मुख्य संरक्षक कमांडर-इन-चीफ होंगे व कार्यकारी अध्यक्ष को जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी ) बनाया जायेगा. डीएलएसए के अध्यक्ष को ब्रिगेडियर, स्कूल के प्रधानाध्यापक को लेफ्टिनेंट कर्नल, शिक्षक प्रभारी को कप्तान, सीनियर अंडर ऑफिसर व जूनियर अंडर ऑफिसर का पद नाम दिया गया है.