- 2016 लीप ईयर है और अब 29 फरवरी चार साल बाद के कैलेंडर में आएगा

- कई फैमिली ने लीप ईयर में न्यू बार्न बेबी किया था प्लान

PATNA: दिन और समय का महत्व हम सभी जानते हैं और मानते हैं। इसे विधान कहें और अपनी इच्छा कि हर चार साल पर ख्9 फरवरी यानि लीप ईयर मनाने का मौका मिलता है। यह तारीख कैलेंडर में हर चार साल के अंतराल पर आता है। आज और आज से पहले भी इस बात की मान्यता प्रगाढ़ रही है, ज्योतिष कारणों से व स्वयं के अनुभव से। इसी कड़ी में बच्चों के जन्म की गाथा को भी एक तारीख से एक अलग खुशी का यकीन करते हुए माता-पिता राजधानी पटना में नजर आये, जब उन्होंने पहले से इसके लिए प्री प्लान किया था। इस चाहत को पूरा करने में डॉक्टरों का भी पूरा साथ जो मिल जाता है। आई नेक्स्ट ने इससे जुड़ी रोचक पहलू को आपके साथ शेयर कर रहा है।

एक किलकारी और बड़ा सुकून

जी हां, ख्9 फरवरी की सुबह करीब साढ़े सात बजे कंकड़बाग स्थित एक नर्सिग होम में किरण देवी ने एक परी सी बच्ची को जन्म दिया। बच्ची की एक किलकारी के साथ ही उनके नानाजी सुरेंद्र कुमार के चेहरे पर एक बारगी मुस्कुराहट छा गई। वे बताते हैं कि यह अद्भुत संयोग है कि बच्ची लीप ईयर में पैदा हुई है। मां को जब डिलेवरी के बाद होश आया तो उसे तारीख का पता नहीं था लेकिन जब परिवार के लोग शाम में चर्चा करने लगे तो वह भी बेहद खुश थी।

मुराद पुरी हुई, मिला सुकून

ममता देवी, किरण देवी, नीलू परवीन, खुशबू रानी और सोमा परवीन समेह अन्य तीन-चार महिलाओं को लीप ईयर में बच्चे के जन्म का सौभाग्य प्राप्त हुआ। राजधानी की सुविधा, अच्छी देखभाल का भरोसा और ललक कि लीप ईयर में एक संतान की प्राप्ति हो-ये सभी बातें पटना में सोमवार को एक साथ कई बच्चों की किलकारियां सुनने को मिली। इस बारे में आई नेक्स्ट ने गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ सारिका राय से बात की। उन्होंने बताया कि नए साल और किसी खास दिन के लिए फैमिली वालों से डिमांड आती है तो हमारा भी प्रयास रहता है कि उनकी मनोकामना सच हो। यदि समय से प्लान करें तो यह आसान है।