- गोरखपुर श्रम विभाग को मिले हैं 1783 श्रमिक

- जिले में सबसे अधिक होटल, रेस्ट्रा और दुकानों पर कार्यरत हैं बाल श्रमिक

GORAKHPUR: गोरखपुर में बचपन सिसक रहा है। यह हम नहीं, श्रम विभाग का आंकड़ा साबित कर रहा है। पिछले साल तक बाल श्रम विभाग जिले में 1783 बाल श्रमिक चिह्नित कर चुका है। इसमें 785 बाल श्रमिक खतरनाक क्षेत्र में कार्य करते हुए चिह्नित हुए हैं। एक तरफ सरकार बचपन बचाने के लिए योजनाएं लांच कर रही है तो दूसरी तरफ आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण परिजन देश के नौनिहालों के हाथ में ्रफावड़ा और कुदाल थमा दे रहे हैं।

टास्क फोर्स करती है छापेमारी

उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि प्रत्येक जिले में बाल श्रम रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया जाए। इसके तहत गोरखपुर जिले में भी टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसमें एरिया के एसडीएम, बीडीओ, सीओ, एबीएसए और श्रम प्रवर्तन शामिल हैं। यह फोर्स प्रत्येक तीन माह में एक बार मीटिंग करता है और उसके बाद जहां की शिकायत मिलती है वहां छापेमारी करती है। फोर्स को जो भी बच्चे मिलते हैं व बच्चों को परिवार, चाइल्ड लाइन या किसी सेंटर्स को सौंप देते हैं

59 को है अभी भी न्याय की आस

श्रम विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो 1996 से लेकर अभी तक 482 बाल श्रम के मामलों को लेकर कोर्ट में मुकदमा दायर हुआ था। इसमें कोर्ट और श्रम विभाग की सक्रियता के कारण 423 मामलों को निस्तारण हो चुका है, जबकि, 59 मामले ही अभी ऐसी स्थिति में हैं जो न्याय की राह देख रही हैं। इसमें अभी तक अधिकांश परिवार को रोजगार भी श्रम विभाग की तरफ से उपलब्ध करा दिया गया है। श्रम विभाग इन मामलाें के निस्तारण के लिए लगातार कार्य कर रहा है।

क्रिमनल मुकदमा होता है दर्ज

श्रम विभाग के डिप्टी लेबर कमिश्नर श्रीराम का कहना है कि श्रम विभाग दो तरह की कार्रवाई करता है। एक तो किसी की सूचना पर कार्रवाई की जाती है और दूसरी श्रम विभाग की गठित टास्क फोर्स द्वारा की जाती है। इस छापेमारी के दौरान जिन भी संस्थान पर बाल श्रम पाया जाता है, उस संस्थान पर 20 हजार रुपए या तीन साल की सजा की जाती है और साथ बाल श्रमिक में मिले बच्चे को विभाग शैक्षिक पुनर्वास योजना के तहत व्यवस्था कर देता है।

बाल श्रम की स्थिति

खतरनाक क्षेत्र में काम करते हुए- 785

गैर खतरनाक क्षेत्र में काम करते हुए- 998

कुल योग - 1783 बाल श्रमिक

खतरनाक नियोजनों में चिन्हित बाल श्रमिकों के सेवायोजकों की आलोच्य माह तक कुल संख्या- 482

दायर अभियोजन खतरनाक नियोजनों में - 482

दायर अभियोजन गैर खतरनाक नियोजनों में - 61

वर्जन

बाल श्रम कानून को पालन कराने के लिए कार्रवाई की जा रही है। विभाग की तरफ से जहां भी सूचना मिलती है या विभाग स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करता है। जल्द जिले में श्रम विभाग एक नई योजना बाल श्रमिकों के लिए लांच करने जा रहा है।

श्रीराम, डिप्टी लेबर कमिश्नर