PATNA : 'मैं क्म् बरस की, तू क्7 बरस का' ये गाना तो आपने सुना होगा। यह रील लाइफ थी। लेकिन आज आई नेक्स्ट जो बताने जा रहा हूं, वह रियल लाइफ है। गांधी मैदान में रविवार को कन्या विवाह एंड विकास सोसायटी की ओर से सामूहिक विवाह आयोजित कर ख्भ्क् कन्याओं के हाथ पीले किए गए। जिसमें कई वर-वधू नाबालिग थे। आश्चर्य तो यह है कि यह सब हुआ दो मंत्रियों के आंखों के सामने। जो रोकने की बजाए वर-वधू को आशीर्वाद देकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। ये मंत्री थे राज्य सरकार के सामाजिक एवं कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता। जब इनसे बाल विवाह के बारे में बात की गई, तो बात को टाल गए और मुस्कुराते हुए निकल लिए।

पूरे बिहार से आए दूल्हा-दुल्हन

सामूहिक विवाह में पूरे बिहार से लोग आए हुए थे, जिनमें करीब दर्जन भर दूल्हा-दुल्हन नाबालिग थे। इनमें से तीन जोड़ों, जो नाबालिग थे, से आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने बात की। गया जिला अंतर्गत इगुना निवासी राकेश (काल्पनिक नाम) ने बताया कि घरवालों ने बोला शादी कर लो, इसलिए शादी कर रहा हूं। वहीं गांटी के रहने वाले मुकेश ने बताया मां बीमार रहती है, इसलिए शादी कर रहा हूं। जबकि मलदेह निवासी अंकित ने बताया कि मनपसंद लड़की मिल गई है। इसलिए शादी कर रहा हूं। इसके अलावा जहानाबाद, मुंगेर सहित अन्य जिलों से भी बारात लेकर दूल्हा पहुंचे थे।

क्भ् मिनट में विवाह सम्पन्न

सामूहिक विवाह में जल्दबाजी का आलम यह था कि वहां न तो अग्नि प्रज्जवलित हुई और न ही सात फेरे लगे। पंडित देवशंकर पाण्डेय ने 'त्वमेव माता च पिता त्वमेव' के मंत्रोच्चारण के साथ सिंदूर दान की रस्म पूरा कराया। इस पूरे प्रक्रिया में महज क्भ् मिनट का वक्त लगा। मौके पर आई नेक्स्ट रिपोर्टर द्वारा सवाल करने पर पं। पाण्डेय ने बताया कि यहां वैदिक रीति के हिसाब से विवाह कराया गया है। ये विवाह एक सफल विवाह है।

हमें तिलक चढ़ानी है पंडित जी

अरे, पंडित जी हमें तिलक चढ़ानी है। रस्में पूरी करनी है। कुछ वक्त और दीजिए। मगर पंडित जी कहां मानने वाले थे। वो तो केवल दक्षिणा देख रहे थे, किधर से कितना आ रहा है। एक पंडाल में पंडित ने पानी फेंका नहीं कि दूसरे पंडाल में दूल्हों से सिन्दूर दान करवा दिया। जिस वजह से दुल्हन के माता-पिता और पंडित के बीच नोक-झोंक भी हो गई।

वर्जन

मैं इस कार्यक्रम में नहीं जा पाया। मेरे संज्ञान में इस तरह की जानकारी नहीं है। अगर बाल विवाह के संबंध में कोई जानकारी मिलती है, तो निश्चित ही उचित कार्रवाई होगी।

- संजय अग्रवाल, डीएम, पटना

नाबालिग की शादी हमलोग कैसे करा सकते हैं। हमारे पास पूरी लिस्ट है। सब अपनी इच्छा से शादी कर रहे हैं और सब बालिग हैं। इसके अलावा बाकी की जानकारी मेरे पास उपलब्ध नहीं है।

- विकास कुमार मालाकार, सचिव, कन्या विवाह सोसायटी

सामूहिक कन्या विवाह वैदिक रीति रिवाज से हुई है। कोई बालिग है या नाबालिग हमें इससे क्या करना। हमारा काम शादी करवाना है और मैंने शादी करवा दिया।

- पं। देवशंकर पाण्डेय, शादी कराने वाला पंडित

(सामाजिक सरोकार के तहत सभी दूल्हे का नाम बदल दिया गया है। साथ ही इनसे बातचीत की रिकार्डिग आई नेक्स्ट के पास सुरक्षित है.)