BAREILLY

तेजी से मेट्रो सिटी बनने की ओर अग्रसर बरेली आज भी बालिका वधु बना रहा है। देहात क्षेत्र की आबादी का लगभग ब्0 प्रतिशत भाग अपने नाबालिग बच्चों की शादी करा रहे हैं। जिसकी वजह से किशोर अवस्था में ही लड़कियां गर्भवती हो रही हैं। ऐसे में पैदा होने वाला नवजात शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर पैदा हो रहे हैं.

 

शरीर में हो रही खून की कमी

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आने वाली गर्भवती महिलाओं में फ्0 प्रतिशत नाबालिग लड़कियां होती हैं। जिनकी उम्र से पहले ही शादी होने की वजह से गर्भवती होने पर पैदा उनमें कई परिवर्तन दिखाई देते हैं। जिसकी वजह पैदा होने वाले नवजात में शारीरिक और मानसिक कमजोरी देखने को मिलती है। नवजात में खून की कमी भी बड़ी समस्या उभर कर सामने आई है। नाबालिग मां का शरीर पूरी तरह से बच्चा पैदा करने के लिए तैयार नहीं होता ऐसे में पैदा हुए बच्चे में कई तरह के रोग भी देखने को मिलते हैं। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में ऐसे पैदा होने वाले नवजातों में ज्यादातर में एनिमिया से ग्रस्त होते हैं.

 

पांचवें नंबर पर बरेली

नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे की रिपोर्ट में बरेली को ब्रज क्षेत्र में टॉप फाइव में शामिल किया है.सर्वे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्7 जिलों सर्वे किया था जिसमें बरेली के देहात क्षेत्र में ब्0 प्रतिशत किशोरियों की शादी क्भ् से क्9 वर्ष की आयु में कर दी जाती है। जिसकी वजह से पैदा होने वाले नवजात विकृत पैदा हो रहे हैं। पैदा हुए नवजात में कुपोषण, एनिमिया व अन्य रोगों के लक्ष्ण मिलते हैं। जिसके इलाज के लिए भी इन अभिभावकों में अवेर्यनेस भी नहीं होती जिसकी वजह से कई बच्चों की मौत भी हो जाती है।

 

हॉस्पिटल में आने वाली कम उम्र की गर्भवती महिलाओं के बच्चे कमजोर पैदा होते हैं। जो एनिमिया या कुपोषण से ग्रस्त होते हैं। इसके पीछे जल्दी शादी होना एक बड़ी वजह है। डॉ। साधना सक्सेना, सीएमएस जिला मिहला अस्पताल


डाटा-

आबादी पर किया गया सर्वे-क्म् लाख

देहात क्षेत्र में विवाह क्भ्-क्9 वर्ष संख्या-ब्भ्ख्फ्ब्क्

देहात क्षेत्र में विवाह क्भ्-क्9 वर्ष-ब्0.म् प्रतिशत

कुपोषण से ग्रस्त बच्चों की संख्या-फ्0ब्7ख्

कुपोषण से ग्रस्त बच्चे- भ्ब् प्रतिशत

एनिमिया से ग्रस्त बच्चों की संख्या-ख्7क्क्8

एनिमिया से ग्रस्त बच्चे- भ्9 प्रतिशत