--कडरू पुल के पास लोगों ने पकड़ पहुंचाया महिला थाना

--रिम्स में दो दिन से इलाजरत नवजात बच्ची की मौत

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RANCHI (21 छ्वह्वद्य4): जिसे नौ महीने अपने गर्भ में पाला उसकी ही जिंदगी पर विराम लगाने की कोशिश एक मां कई बार कर चुकी है। इसका कारण पति से मिला धोखा है या गरीबी, यह तो जांच का विषय है, पर रांची में इन दिनों ऐसे कई मामले आ रहे हैं, जिनमें बच्चियों को फेक दिया जा रहा है। मंगलवार को फिर एक महिला ने अपनी दो महीने की बच्ची को कडरू पुल से नीचे फेकने की कोशिश की, जिसे आसपास के लोगों ने पकड़ लिया। लोगों ने इस बात की जानकारी शक्ति मोबाइल को दी, जिसके बाद महिला को पकड़कर महिला थाना लाया गया।

पति से मिला धोखा

थाना में लाए जाने के बाद महिला से पूछताछ की गई। उसने अपना नाम सबिता और पति का नाम सुभाष बताया है। वह अपना घर कभी आरा तो कभी पटना बता रही है। उसने कहा कि उसका पति 8-10 महीने से गायब है। उससे सेलफोन से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। उसके पति ने बताया था कि वह रांची में नौकरी करता है। उसी की तलाश में वह 10 दिन पहले रांची आई थी। वह भूखे-प्यासे 10 दिन से रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और दूसरी जगहों पर अपने पति की तलाश कर रही थी। पति से भेंट नहीं होने के कारण आज वह अपनी बच्ची को फेकने जा रही थी। महिला ने बताया कि उसके ससुराल में पति के अलावा कोई नहीं है। मायके में चार भाई हैं, जिन्होंने उसे घर से निकाल दिया है। महिला से पूछताछ के बाद सीडब्लूसी की टीम महिला थाना पहुंची जिसके बाद बच्ची के साथ उसे प्रेमाश्रय शेल्टर होम भेज दिया गया। थाना प्रभारी दीपिका प्रसाद ने बताया कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है और पिछले कई दिनों से रांची की सड़कों पर भटक रही है।

दो दिन पहले दी थी धमकी

महिला थाना प्रभारी दीपिका प्रसाद ने बताया कि यह महिला पहले भी थाना लाई जा चुकी है। तीन दिन पहले भी यह महिला मेन रोड में भटकती हुई मिली थी, जिसके बाद शक्ति मोबाइल की गाड़ी से उसे महिला थाना लाया गया था। दो दिनों तक थाना में रही महिला ने काफी शोरगुल और अव्यवस्था फैला दी। अंत में उसने वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मी और थाना प्रभारी को उसे छोड़ दिए जाने की जिद करने लगी। जब उसे थाना से छोड़ा नहीं गया, तब उसने थाने में ही अपनी बच्ची को मार डालने की धमकी दी। इसके बाद महिला को थाने से छोड़ा गया था।

रिम्स में इलाजरत नवजात की मौत

रविवार को एक बस से प्लास्टिक में बरामद नवजात बच्ची की रिम्स में इलाज के दौरान मंगलवार को मौत हो गई। अपनों की हैवानियत की शिकार हुई इस नवजात बच्ची को रविवार को रिम्स में एडमिट कराया गया था। बच्ची का कंडीशन क्रिटिकल था। चाइल्ड वेलफेयर कमिटी ने बच्ची के लिए एक केयर टेकर भी प्रोवाइड कराया था। सीएम ने भी बच्ची के इलाज को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया था, लेकिन आखिरकार नवजात बच्ची मंगलवार को जिंदगी की जंग हार गई।

और भी हैं मामले

17 जुलाई: लालपुर में एक महिला ने आर्थिक तंगी के कारण 15 हजार रुपए में अपनी नवजात बच्ची को बेच दिया था। पति की शिकायत पर पुलिस ने सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के एक घर से बच्ची को बरामद किया था।

28 जून: रिम्स परिसर में एक नवजात बच्ची को फेक दिया गया था, जिसे आवारा कुत्तों ने अपना निवाला बना लिया। नवजात का सिर्फ सिर इमरजेंसी के पास मिला था, जिसका डॉक्टर्स ने पोस्टमॉर्टम किया।

बेखौफ होकर नन्ही जिंदगी को समाप्त कर दिया जा रहा है। इस तरह की घटनाएं अमानवीय हैं, जहां मासूमों का गला घोंट दिया जा रहा है। पता नहीं ऐसी घटनाओं पर कब रोक लगेगी।

सुधा चौधरी

भगवान की मेहरबानी है कि इस बार मौका रहते लोगों ने किसी अप्रिय घटना को होने से रोक लिया, वरना फिर एक मासूम और निर्दोष को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ती।

अनु पोद्दार, कांके रोड

सिटी में ऐसी दर्दनाक घटनाएं आए दिन सुनने को मिल रही है। एक मां अपने बच्ची की जान की दुश्मन कैसे हो सकती है, यह सोच कर ही हैरत होती है।

सुमन