-बढ़ रही सीने में जकड़न की समस्या, ओपीडी में पहुंच रहे मरीज

-बच्चों को ठंड और पॉल्यूशन से बचाकर रखना है जरूरी

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PRAYAGRAJ: लगातार बढ़ रही ठंड बच्चों के लिए कहर बनी हुई है। मौसम में यह बदलाव उनके लिए ढेरों बीमारियां लेकर आया है। बुखार, जुकाम, खांसी और चिड़चिड़ापन बच्चों में आम बात हो गई है। यही कारण है कि ओपीडी में मरीजों की लाइन लगी हुई है। डॉक्टर्स परिजनों को बच्चों को संभालकर रखने की सलाह दे रहे हैं।

बिस्तर पर पहुंचा देगी बीमारी

मौसम में ठंड ने दस्तक दे दी है। सुबह-शाम पड़ने वाली ठंड की वजह से बच्चों में जुकाम, बुखार, गले में कफ और खांसी की समस्या भी बढ़ रही है। ऐसे में बच्चों को शुरुआती लक्षणों पर डॉक्टर को नही दिखाने पर उनकी समस्या बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि तत्काल इलाज नहीं कराने पर बच्चे गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे हैं। अधिकतर बच्चों में सांस लेने में दिक्कत और तेज बुखार की शिकायत भी सामने आ रही है।

इन चीजों का रखें ध्यान

-बच्चों को बिना कपड़े खुले स्थान पर न ले जाएं।

-धूल और धुएं वाली जगहों से बच्चों को दूर रखें।

-ठंडे पानी से बच्चों को नहलाने से बचिए।

-संक्रमित व्यक्तियों से बच्चों को दूर रखें।

-तेज बुखार आने पर सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखिए।

-बच्चों को न्यूमो कोकल वैक्सीन की डोज लगवाएं।

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पुरानी परंपराओं से बनाएं दूरी

जानकार कहते हैं कि इस मौसम में पुरानी परंपराओं से दूरी बनाकर रखना चाहिए। खासकर बच्चों को खुले में उबटन लगवाना खतरनाक साबित हो सकता है। इसके साथ ही देसी इलाज कराने के साथ डॉक्टर की सलाह भी लेनी जरूरी होती है। कई बार बच्चे सीरियस में कंडीशन में पहुंच जाते हैं। तब उनके इलाज में डॉक्टरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

वर्जन

इस माह में मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। ठंड बढ़ रही है और यह कंडीशन बच्चों के लिए अधिक खतरनाक है। शुरुआती लक्षण में ही परिजनों को डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। नवजात को मां का दूध अधिक लाभदायी साबित होता है।

-डॉ। मनीष चौरसिया, बाल रोग विशेषज्ञ