सीबीएसई ने सेना और अ‌र्द्धसैनिक बलों के बच्चों के लिए उठाया खास कदम

28 फरवरी तक ऐसे छात्रों को स्कूल में करनी होगी रिक्वेस्ट सबमिट

Meerut। पुलवामा में आतंकी अटैक के बाद समूचे देश में आतंकवाद के खिलाफ लहर दौड़ रही है। तो वहीं दूसरी ओर सीबीएसई ने फौजियों के लिए बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के एग्जाम देने वाले छात्रों के लिए ऑप्शन दिया है। इसके तहत फौजियों के बच्चे जिले में अपनी पसंद के केंद्र में बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं। इसके अलावा प्रैक्टिकल एग्जाम न दे पाने वाले फौजियों के बच्चों को दोबारा प्रैक्टिकल एग्जाम देने का मौका दिया जा रहा है।

10 अप्रैल को प्रैक्टिकल एग्जाम

सीबीएसई ने जो व्यवस्था की है उसके मुताबिक फौजियों के वे बच्चे जो प्रैक्टिकल एग्जाम में हिस्सा नहीं ले सकें है, उनके लिए 10 अप्रैल को स्कूल में ही विशेष रूप से प्रैक्टिकल एग्जाम की व्यवस्था की जाएगी, जो बच्चे मेन परीक्षा देने की स्थिति में नहीं होंगे उनके लिए भी अलग से व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए भी स्कूल में ही रिक्वेस्ट सबमिट करनी होगी।

इन्हें मिल सकेगी सुविधा

सीबीएसई ने यह सुविधा सेना के जवानों के साथ पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों के बच्चों को दी है।

यह सुविधा उन बच्चों को भी मिलेगी जिनके पेरेट्स आतंकवादी हमले में शहीद हो गए हों।

उन बच्चों को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा, जिनके पिता आतंकवाद से जंग में शामिल हो रहे हों

बच्चे अपने निवास के जिले में ही सेंटर चेंज करने का ऑप्शन चुन सकते हैं।

बच्चे दूसरे किसी जनपद के सेंटर का चुनाव भी कर सकते हैं

इसकेलिए उन्हें रिक्वेस्ट लेटर अपने स्कूल में सबमिट करना होगा

स्कूल ऐसे बच्चों की डिटेल कम्पाइल करके सीबीएसई के जोनल ऑफिस को भेजेंगे

इसके बाद बच्चे को वांछित सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

छात्र किसी विषय की परीक्षा बाद में देना चाहे तो उसे इसकी भी अनुमति दी जाएगी।

28 तक करें आवेदन

फौजियों के बच्चों को इस सुविधा का लाभ पाने के लिए 28 फरवरी तक अपने आवेदन को स्कूल में सबमिट कराना होगा.स्कूलों से डिटेल आने पर ही छात्रों को यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

सराहनीय है कदम

सहोदय सचिव राहुल केसरवानी ने बताया कि फौजी परिवार के बच्चों के लिए एग्जाम को लेकर सेंटर बदलने का फैसला बेहद सराहनीय है, उनके समर्थन में यह महत्वपूर्ण योगदान है। वहीं, सिटी कोर्डिनेटर एचएम राउत ने बताया कि अगर ऐसा कोई केस आता है तो सिटी में भी उस बच्चे का सहयोग किया जाएगा, ये सराहनीय कदम है हम इसका स्वागत करते हैं।