पेरेंट्स ने जाना कैसे करें गुड पेरेंटिंग

- पेरेंट्स ने जाना कैसे हो मजबूत पेरेंटिंग

- पेरेंटिंग सेमिनार में पेरेंट्स को मिल उनके हर सवाल का जवाब

- आई नेक्स्ट पेरेंटिंग टुडे सेमिनार में स्पेशलिस्ट ने पेरेंट्स के साथ साझा किए अनुभव

Meerut : बच्चे के फेलियर होने पर उसे डांटे नहीं बल्कि उसके काउंसलर और दोस्त बनकर बात करें। डाइट में उसकी जंक फूड के साथ ही प्रोटीन का एडीशन बिल्कुल भी न भूलें। हमें बच्चों को उसके फ्यूचर के लिए पहले से अभी से प्रिपेयर करना चाहिए। कुछ इसी तरह के अनुभवों को आई नेक्स्ट के पेरेंटिंग सेमिनार में साझा किया गया। लोहियानगर स्थित सत्यकाम इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित इस सेमिनार में हर पेरेंट्स में बड़ी उत्सुकता नजर आ रहीं थी। सामने बैठे स्पेशलिस्ट से सभी अपनी अपनी समस्याओं का सॉल्युशन चाहते थे। सेमिनार की शुरुआत सत्यकाम इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर अनुज शर्मा, प्रिंसीपल रश्मी मिश्रा और सभी गेस्ट ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। आई नेक्स्ट के संपादकीय प्रभारी दीपक शर्मा ने गेस्ट को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। सेमिनार के पहले चरण में सभी एक्सपर्ट ने अपने अनुभवों को पेरेंट्स के साथ साझा किया। दूसरे चरण में पेरेंट्स ने अपने सवाल पूछे। सवालों का जवाब भी पेरेंट्स काफी उत्सुकता के साथ सुन रहे थे, तो वहीं एक्सपर्ट द्वारा दिए गए टिप्स को पेरेंट्स बड़ी ही रुचि से सुन रहे थे।

ये थे मुख्य टिप्स

एक्सपर्ट पैनल से बातचीत के दौरान कुछ मुख्य और बेहतर टिप्स सामने निकलकर आए। इन टिप्स को जानने के बाद पेरेंट्स को काफी संतुष्टि महसूस हुई।

- अक्सर हम बच्चे से दस-बीस मिनट तक ब्रश से दांत रगड़ने को कहते हैं, मगर तीन से चार मिनट में दांत साफ हो जाते है।

- बच्चे को उसका पंसदीदा फूड जैसे बर्गर या पिज्जा खिलाने के साथ ही उसमें प्रोटीन को एड करना बिल्कुल भी न भूलें। जैसे आप उसे रोटी में म्युनिज या पनीर लगाकर, मैगी में वेजीटेबल और सोयाबीन मिलाकर उसे प्रोटीनयुक्त पसंदीदा फूड दें।

- बच्चे के फेलियर होने पर उसे डांटे नहीं, बल्कि उसके दोस्त या काउंसलर बने। ताकि वो आपसे हर बात आराम से शेयर कर सकें।

- अक्सर हम दूध में सपलिमेंट डालकर पीने की सलाह देते हैं, लेकिन यह गलत धारण है। इसकी जगह बच्चे को इलायची, ठंडाई आदि डालकर दें तो बेहतर है।

- अगर डाइट में हम कुछ कलर को एड कर लें जैसे ब्राउन चपाती, व्हाइट दूध और चावल, ग्रीन वेजीटेबल। तो बच्चा हेल्दी रहता है।

- फैमिली के साथ बैठकर खाना खाना सिखाएं। इससे बच्चा फैमिली की मॉरल वैल्यू को समझता है।

- कोशिश करें कि बच्चा वो सबकुछ सीखे जो उसकी लाइफ के लिए बहुत जरुरी है।

- कैरेक्टर और हेल्थ ही इंसान को गुड बनाती है।

- टाइम से ज्यादा मायने रखता है बच्चे के साथ आपका व्यवहार कैसा है। व्यवहार ऐसा हो कि बच्चा आपसे खुलकर हर बात शेयर कर सकें।

- अगर बच्चा ब्रश नहीं करता है, तो उसे ब्रश करने के फायदे बताए। उसे एट्रैक्टीव ब्रश लाकर दें, उसे दो तीन फ्लेवर की पेस्ट लाकर दें। इससे बच्चा पेस्ट करने में इंट्रस्ट दिखाएगा।

- अगर बच्चा आपकी बात नहीं मानता तो उसे हेल्दी पनीशमेंट दें।

- सेल्फ स्टडी, सेल्फ कांफिडेंस और पॉजिविटी लाइफ में सक्सेस के तीन मुख्य टिप्स हैं।

खूब हुए सवाल जवाब

प्रोग्राम में दूसरे चरण में पेरेंट्स ने अपने प्रॉब्लम के सॉल्यूशन के लिए एक्सप‌र्ट्स से सवाल किए।

सवाल - अपने बेटे से बाहर जाने को कहती हूं पर वो बाहर नहीं जाता है। क्या करना चाहिए ?

मनीषा मित्तल

जवाब- सबसे ज्यादा जरुरी है कि आपका बच्चा क्या करना चाहता है। अगर उसे घर में ही कोई हॉबी वर्क करना पसंद है, तो उसके इंट्रस्ट को समझें, और जो कर रहा है करने दें

सवाल - अक्सर ऐसा होता है हम बच्चों की फरमाइश पूरी नहीं कर पाते है, जिसके बाद बच्चों को बुरा लगता है, वो बुरा रिएक्शन देते हैं, ऐसे में क्या किया जाए।

रचना शर्मा

जवाब - ये बहुत ही रियल ईशू है, ऐसे में पहले बच्चे की बात को ध्यान से सुनें उसकी भावना को समझें। फिर ईमानदारी के साथ उसे समझाएं कि ये हमारे बजट में नहीं आ रहा है, इससे वह परिस्थितियों को समझेगा।

सवाल - आठ साल का बेटा है जो हमेशा टीवी देखता रहता है। बाहर जाना पसंद नहीं है। इसी वजह से वह दोस्त भी नहीं बना पाता है। अलग रहता है, क्या करें।

राजकुमारी, टीचर सेंट जोंस

जवाब - पेरेंट्स को बच्चों को बताना चाहिए कि आखिर वह कोई काम किसी लिमिट में ही कर सकते हैं। इसके अलावा उसे एट्रैक्टीव ऑफर देकर बाहर ले जाए। ताकि वह बाहर दस लोगों से मिले और सोशल हो सके।

सवाल - मेरी क्फ् साल की बेटी पढ़ाई से लेकर हर काम अच्छे से करती है। मगर वह हर काम पे्रशर में करती है।

रितु सिंह, प्रिंसीपल सेसमी स्ट्रीट प्रीस्कूल

जवाब- पहले आप उससे बात करें कि वो पे्रशर में क्यों रहती है। फिर बताएं कि इतना पे्रशर में नहीं रहना चाहिए। उसे काउंसिलिंग दिलाने की जरुरत है।

सवाल- अगर बच्चा निगेटिविटी सिख गया है, तो फिर उसके लिए क्या करें।

नीति जैन

जवाब- हमें तलाशना चाहिए उसमें कुछ तो पॉजिटीव होगा, उसमें जो भी गुड क्वालिटी हो उसको फोकस करके उसकी गुड क्वालिटी के लिए अवेयर करें। धीरे-धीरे वो खुद ही पॉजिटिविटी में आ जाएगा।

सवाल- वर्किंग वूमेन हूं बेटा कहता है उसे ज्यादा टाइम नहीं देती हूं।

शिखा जैन

जवाब- वर्किंग होने के साथ ही बच्चे के लिए अलग से एक टाइम फिक्स करना चाहिए। जहां उसको आपकी जरुरत हो वो पूरी करनी चाहिए।

सवाल- मेरी बेटी कोई भी बात बताती नहीं। बस कोई भी बात हो वो रोने लग जाती है।

राजा बलूनी

जवाब- आपको उसे ऑप्शन देकर पूछना चाहिए कि तुम्हें क्या चाहिए, या क्या करना है। धीरे-धीरे वो खुद बताने लगेगी।

सवाल- बच्चों के लिए किस क्वालिटी की एक्सरसाइज जरुरी है। ताकि वो फिट रह सके।

जवाब- उसे आउटडोर गेम्स जैसे फुटबाल, बैडमिंटन, बॉस्केटबाल, वालीबॉल खेलने दें। यह बहुत अच्छी एक्सरसाइज है, लेकिन जरुरी है कि उसमें इंट्रस्ट भी पैदा हो।

क्या कहते हैं स्पेशलिस्ट

हमें बच्चे पर पढ़ाई का पे्रशर नहीं डालना चाहिए, क्योंकि जरुरी नहीं जो टॉपर है वा आगे जाकर करियर में भी सक्सेस हो।

डॉ। पूनम देवदत्त, सीबीएसई काउंसलर

क्रिएटिविटी के जरिए ही बच्चा सबकुछ सिख सकता है। इसलिए बच्चे को अगर ब्रश करना भी सिखा रहे हैं, तो उसे क्रिएटिविटी से सिखाएं।

डॉ। समीर, डेंटिस्ट

अक्सर हम बच्चे के अच्छे काम को नजरअंदाज कर जाते हैं और उसकी छोटी गलती पर नजर रखते हैं। ये गलत है हमें उसकी गलतियों पर कम और उसके अच्छे कामों को सराहना चाहिए। ताकि वो प्रमोट हो सके।

डॉ। अनिता मॉरल, मनोवैज्ञानिक

बच्चे से खुलकर बात करें, ताकि वो आपसे बात करते वक्त सिक्योर महसूस कर सके। ध्यान रखे जो आप उसे बता रहें है वो वही सीखता है। कैरेक्टर और हेल्थ ही हर किसी को गुड बनाती है।

डॉ। यशस्वी अग्रवाल, फिजियोथैरेपिस्ट

बच्चे को जंक फूड दें, लेकिन उसके साथ ही प्रोटीन एडीशन को बिल्कुल भी न भूलें। जंक फूड के साथ प्रोटीन आवश्यक रुप से डाले। इससे उसकी हेल्थ भी बनी रहती है।

डॉ। भावना गांधी, डायटिशियन

बच्चे को फेलियर होने पर कभी भी डांटना नही चाहिए न ही धमकाना चाहिए। बल्कि उसे काउंसिलिंग दें, उसके दोस्त बनें ताकि वह आपको अपनी समस्या बता सके।

डॉ। अखिल सिंघल, प्रिडिटिशियन

बच्चे को प्रोटीनयुक्त डाइट दें, ताकि उसका शरीर हेल्दी रहे। अच्छी डाइट ही सेहत और बच्चे के विकास दोनों के लिए जरुरी है।

डॉ। सर्वेश रस्तोगी, फिजिशियन

बच्चे का रुटिन चेकअप जरुरी है। उसे सिखाना चाहिए कि दिन में कम से कम दो बार ब्रश आवश्यक करें। खासतौर पर जब वो कुछ ऐसा खाए, जिसमें शुगर एड है।

डॉ। नितिन तोमर, डेंटिस्ट।

इनका रहा खास सहयोग

सत्यकाम इंटरनेशनल, सेसमी स्ट्रीट प्रीस्कूल और सेंट जोंस स्कूल का इस पेरेंटिंग सेमिनार के आयोजन खास योगदान रहा।