RANCHI: निर्मल हृदय से बच्चा बिक्री प्रकरण में चौथे बच्चे की बरामदगी के बाद पुलिस ने उसे सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया। सीडब्ल्यूसी में प्रस्तुत होने के बाद पलामू के दंपती ने कहा, उनका दो बच्चा हुआ। दोनों सिजेरियन थे। जन्म के कुछ दिन बाद ही एक-एक कर दोनों की मौत हो गई। दूसरे बच्चे की मौत के बाद मां टूट गई थी। ससुराल व मोहल्लेवाले उसे अभागन कहने लगे थे। इसलिए पति-पत्‍‌नी ने फैसला लिया कि अब दूसरे के बच्चे को गोद लेकर अपना बनाएंगे। उन्होंने अनिमा के माध्यम से बच्चा लिया, जिसे अपने मोहल्ले, परिवार वालों से जन्म देने की बात कह पालना शुरू कर दिया। कोई नहीं जानता है कि यह बच्चा गोद लिया गया है, सभी अपना बच्चा जानते हैं। इधर, चार दिनों की रिमांड पर ली गई अनिमा इंदवार व कोनसिलिया को अदालत में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया है।

मुझे बेटे से अलग मत करना

महिला बोली कि मैडम मुझे मेरे बेटे से अलग मत करना। मैं बेटे के बिना मर जाऊंगी। वह मीडियाकर्मियों से भी हाथ जोड़कर गुहार लगा रही थी कि सर, मेरी पहचान उजागर नहीं करना। वरना मैं कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी। मैं चौथी पास हूं, मेरे पति पांचवीं। अनजाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं करने की वजह से परेशान हूं।

अनिमा ने बताया था बहन का बेटा

दंपती ने बताया कि सिजेरियन दोनों बच्चों की मौत के बाद डॉक्टर ने तीसरा बच्चा जन्म देने से मना कर दिया था। वह इलाज के लिए सदर अस्पताल रांची आई हुई थी। नर्स को बोली थी कि कोई बच्चा मिले तो बताना। इस पर नर्स ने अनिमा का नंबर दे दिया। कॉल करने पर वह मिली और बोली कि मेरी बहन का बेटा हुआ है। उसके इलाज में हुए खर्च देकर बच्चे को ले लो। उसने कर्ज लेकर 52 हजार रुपए जुटाया और बच्चे के एवज में दे दिया।

बच्चा भेजा गया शेल्टर होम

पुलिस ने बरामदगी के बाद पलामू के दंपती के पास से बरामद साढ़े छह महीने के बच्चे को सीडब्ल्यूसी के पास प्रस्तुत किया। प्रस्तुत करने के दौरान दंपति ने आवेदन देकर बच्चे को देने की गुहार लगाई। इसके बाद उन्हें बतौर दो माह का शेल्टर दे दिया गया है। मोरहाबादी के दंपती दीपझरी देवी और ओमेंद्र सिंह को भी बच्चा देने के लिए सुनवाई थी।