वीडियो वायरल होने के बाद डीएम ने कार्रवाई के लिए शासन को लिखा

बाल संरक्षण गृह में मासूम के साथ मारपीट का हुआ खुलासा

संपे्रक्षण गृह के प्रभावी सहायक अधीक्षक पर मारपीट का आरोप

Meerut। मासूम के साथ कुकर्म की वारदात का दाग अभी ताजा ही था कि मेरठ के राजकीय बाल संरक्षण में मासूम के साथ मारपीट के वीडियो वायरल हो गए। सूरजकुंड परिसर में अवैध तरीके से निवास कर रहे राजकीय संप्रेक्षण गृह के प्रभारी सहायक अधीक्षक कुलदीप सिंह पर मासूमों के साथ मारपीट का आरोप है।

वायरल वीडियो ने खोली पोल

पिछले दिनों मेरठ के सूरजकुंड स्थित राजकीय बाल संरक्षण गृह में एक मासूम के साथ तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने कुकर्म किया था। मासूम के साथ जघन्य अपराध पर जहां मेरठ से लेकर लखनऊ तक अफरा-तफरी मच गई तो वहीं 2 सदस्यीय जांच टीम ने प्रभारी डीपीओ समेत 12 लोगों को घटनाक्रम का दोषी करार देते हुए शासन को रिपोर्ट सौंपी थी। जिस पर शासन ने कार्रवाई करते हुए गत दिनों प्रभारी डीपीओ एसके गुप्ता से चार्ज छीन लिया था। अभी पूरे प्रकरण की जांच चल ही रही थी कि प्रोबेशन विभाग के कर्मचारी कुलदीप सिंह का बच्चों के साथ मारपीट करते हुए वीडियो वायरल हुआ है।

डीएम को सौंपा वीडियो

जानकारी के मुताबिक यह वीडियो उस दौरान बनाया गया, जब प्रभारी सहायक जेल रोड स्थित राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह कुलदीप सिंह बाल संरक्षण गृह में रह रहे बच्चों के साथ मारपीट कर रहा था। मारपीट के यह वीडियो डीएम अनिल ढींगरा को किसी ने सुपुर्द किए, जिसके बाद डीएम ने एडीएस सिटी मुकेश चंद्र को जांच सौंपी। प्रशासनिक तौर पर अधीक्षक द्वारा मारपीट की वीडियो की प्रमाणिकता पुष्ट होने के बाद डीएम ने वीडियो को संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को भेज दिया है। वहीं प्रभारी डीपीओ एसके गुप्ता ने भी महिला कल्याण निदेशालय को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देने के साथ -साथ कार्रवाई के लिए वीडियो भेजा है।

मारपीट कर रहा प्रभारी अधीक्षक

वीडियो में प्रभारी अधीक्षक एक मासूम के साथ डंडे से मारपीट कर रहा है। यहां परिसर के ही कुछ आउटसोर्सिग कर्मचारी इस बच्चे को दबोचे हुए दिखाई दे रहे हैं। करीब 30 सेकेंड के इस वीडियो में प्रभारी अधीक्षक में डंडे से कई बार मासूम वार किए, हालांकि मासूम अपने बचाव में छटपटा भी रहा है।

प्रवेश पर प्रतिबंध

प्रभारी डीपीओ ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद प्रभारी अधीक्षक को बाल संरक्षण परिसर में प्रवेश के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। गौरतलब है कि बाल संप्रेक्षण के प्रभारी अधीक्षक कुलदीप अवैध तरीके के संरक्षण गृह में रह रहे थे। इस संबंध में भी डीएम ने प्रभारी डीपीओ से जबाव-तलब किया है। बुलंदशहर संप्रेक्षण गृह से 2017 में मेरठ पहुंचे कुलदीप तैनाती के बाद से ही चर्चित हैं। संरक्षण गृह के अधीक्षक रहते हुए भी कई बार बच्चों ने प्रभारी अधीक्षक पर मारपीट के आरोप लगाए थे। जानकारी के मुताबिक प्रभारी अधीक्षक की मारपीट से परेशान होकर ही पीडि़त बच्चे ने कुकुर्म की घटना की जानकारी प्रधान मजिस्ट्रेट को दी थी।