- रिपेयरिंग करने वाले मजूदर समेत दो युवकों की मौत

- प्लांट के मालिक का बेटा और एक मजदूर गंभीर रूप से घायल

- रिहाइशी इलाके में अवैध रुप से चल रहा था आरो प्लांट

LUCKNOW : चिनहट के कमता इलाके में चल रहे अवैध आरओ प्लांट के चिलर में लगे कम्प्रेशर में विस्फोट से दो युवकों की मौत हो गई। वहीं दो अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर भर्ती कराया गया है। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि प्लांट गेट टूटकर 50 मीटर दूर जा गिरा। बताया जाता है कि कम्प्रेशर में अमोनिया गैस भरी जा रही थी। पुलिस ने प्लांट के मालिक एसके सरीन समेत दो अन्य को मौके से अरेस्ट कर लिया।

चल रहा था रिपेयरिंग वर्क

इंदिरा नगर सेक्टर ए निवासी एसके सरीन का कमता पुलिस चौकी के पास साई वाटर फ्यूरीफाई के नाम से आरओ वाटर प्लांट है। पानी को लंबे समय तक ठंडा रखने के लिए प्लांट में चिलर भी लगा था। संडे शाम 7 बजे चिलर की रिपेयरिंग के साथ उसमें अमोनिया गैस भरने का काम किया जा रहा था। उस समय प्लांट मालिक सरीन का बेटा विक्रांत, कर्मचारी अब्दुल अहद और डालीगंज सेक्टर एल निवासी साजिद (25) व जफर (26) मौजूद थे। कम्प्रेशर में गैस भरते समय अचानक प्लांट तेज आवाज के साथ धमाका हो गया। धमाका इतना तेज था कि प्लांट का गेट उखड़ कर 50 मीटर दूर जा गिरा।

स्थानीय लोगों से सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची चिनहट पुलिस के अनुसार डालीगंज सेक्टर एल निवासी शाहिद की विस्फोट के चलते मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि जफर, विक्रांत और अब्दुल अहद को इलाज के लिए लोहिया भेजा गया जहां से तीनों को ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। ट्रॉमा में इलाज के दौरान जफर की भी मौत हो गई। वहीं विक्रांत और अब्दुल अहद की हालत गंभीर बताई जा रही है। विस्फोट से प्लांट पूरी तरह से तहस नहस हो गया था। धमाका सुनकर आस-पास के सैकड़ों लोगों का जमावड़ा लग गया।

बॉक्स

रिहाइशी इलाके में चोरी छिपे चल रहा था प्लांट

साई वाटर फ्यूरीफाई के नाम से प्लांट अवैध रूप से चल रहा था। रिहाइशी इलाके में प्लांट के बारे में बहुत कम लोग जानते थे। आस-पास के लोगों ने बताया कि प्लांट का मेन गेट लोहे का था और हर वक्त बंद रहता था। कभी लोडर आती थी तभी गेट खुलता था। न तो प्लांट में बिजली का कामर्शियल कनेक्शन था और न ही कंपनी रजिस्टर्ड थी। यहां तक कि जिस नाम से पानी बेचा जा रहा था उसका भी कोई ट्रेड मार्क और लोगो नहीं था। प्लांट के बाहर कोई भी बोर्ड नहीं लगा था। जिससे साफ है कि प्लांट का न तो रजिस्ट्रेशन था और न ही किसी तरह के प्रमाण पत्र लिए गए थे।

क्यों नहीं पड़ी जिम्मेदारों की नजर

स्थानीय लोगों के अनुसार प्लांट कई वर्षो से चल रहा था। हर दिन 2 सौ से ज्यादा 20 लीटर बोतल और 15 लीटर ठंडे पानी के जार की सप्लाई चल रही थी। न तो फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट की निगाह पड़ी और न ही जिम्मेदार डिपार्टमेंट की। यहीं नहीं चौकी से दस कदमों की दूरी पर रिहाइशी इलाके में प्लांट चल रहा था। चौकी से लेकर पिकेट तक इस प्लांट का ठंडा पानी पुलिस कर्मियों के मुफ्त की सेवा में था।

राजधानी में खूब फल फूल रहा है धंधा

शहर में दौड़ रही सप्लाई की गाडि़यां गर्मी के मौसम में हर साल 20 से 40 आरओ प्लांट का जन्म होता है। ई रिक्शा से लेकर लोडर में पानी के 20 लीटर कैन और 16 लीटर जार में ठंडा पानी भरकर दुकानों और ऑफिस में सप्लाई किया जाता है। उपभोक्ता से 35 से 40 रुपये प्रति जार के रूप में वसूली की जाती है। न तो इसका कोई टैक्स जमा किया जाता है और न ही कोई फीस। बस सारा खेल सेटिंग का ही होता है।

वर्जन

आरओ प्लांट में रिपेयरिंग के दौरान विस्फोट में दो युवकों की मौत हुई है और दो युवक घायल हो गए। प्लांट मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। मृतकों के परिजनों की तहरीर के अलावा भी अवैध प्लांट चलाने के मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- सत्यसेन यादव, सीओ गोमती नगर

क्या हैं नियम

- भूगर्भ विभाग से लेनी होती है एनओसी

- जल संस्थान को देना होता है टैक्स

- पैकिंग पानी बेचने के लिए एफएसडीए (फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) डिपार्टमेंट से लाइसेंस लेना होता है

- आरो प्लांट चलाने के लिए बीएसआईएस डिपार्टमेंट ने पानी का सैम्पल चेक करा प्रमाण पत्र लेना होता है

- लेबर डिपार्टमेंट के साथ कंपनी को रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य है

- आरो प्लांट के लिए लेसा से बिजली का कॉमर्शियल कनेक्शन लेना होता है

- आरो प्लांट में आईएसआई मार्क के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है और उसकी फीस हर महीने हजारों रुपये है

- आरो प्लांट का लगाने का नियम है कि पानी की टंकी के आस-पास टाइल्स लगी होनी चाहिए और टंकी हर दिन साफ होनी चाहिए

पानी का आरो वाटर प्लांट लगाने के लिए 3 से 5 लाख रुपये खर्च करने होते है। न तो प्लांट मशीन का कोई रजिस्ट्रेशन होता है और न ही उसकी सिक्योरिटी संबंधित नियम कानून होते है। जैसे शहर में करीब 4 सौ पानी के अवैध प्लांट चल रहे है वैसे ही प्लांट मशीन बेचने वाले भी दर्जनों की संख्या है। जो मशीन बेचने के साथ-साथ इस्टालेशन के साथ रिपेयरिंग की भी सुविधा देते है। 5 सौ से एक हजार लीटर का प्लांट 3 लाख का लगता है जबकि चिलर मशीन लगाने के लिए एक से डेढ़ लाख रुपये खर्च किया जाता है। स्टील का बना फ्रिज नुमा प्लांट पानी को 10 से 12 घंटे तक ठंडा रहता है।