बिजनेस की मर्जि,कल स्ट्राइक

- मेड इन चाइना पर विवाद को देख व्यापारियों ने निकाला फार्मूला

-सामान बेचने के लिए मेड इन इंडिया का लगा रहे लेबल

Meerut । मेरठ समेत वेस्ट यूपी क्या, बल्कि पूरे देश में मेड इन चाइना पर हो रहे बवाल ने व्यापारियों की जान आफत में ला दी है। यही कारण है कि व्यापारियों को दिवाली पर आए चाइना स्टॉक को बेचने की चिंता सताने लगी है। तो वहीं कुछ व्यापारियों ने अपने सामान को बेचने का एक नया फॉर्मूला ईजाद कर लिया है। नए फार्मूले के अंतर्गत व्यापारी जनता को बेवकूफ बना मेड इन चाइना पर मेड इन का लेबल लगाकर बेच रहे हैं। चौंकाने वाली बात तो ये है कि दुकानदार लोगों को साफ कह रहे हैं कि ये माल चीन का नहीं इंडिया में ही बन रहा है।

ये है मेड इन इंडिया

दरअसल, दीपावली की तैयारियों के लिए चीनी सामान का स्टॉक दुकानों और गोदामों तक पहुंच गया है। लेकिन इसी बीच सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के फेवर में आए चीन ने सारा मामला पलट दिया। नतीजा यह है कि देश में एंटी मेड इन चाइना की मुहिम शुरू हो गई। मेरठ समेत वेस्ट यूपी में व्यापारियों के लिए हालात और भी ज्यादा नाजुक हो गए हैं। ऐसे में व्यापारियों ने अपने स्टॉक को निकालने के लिए नया तरीका ईजाद कर लिया है। चीन के सामान पर मूल रैपर को हटाकर दूसरा रैपर लगा रहे हैं। जिस पर इंडियन कंपनी के साथ मेड इन इंडिया लिखा है। अगर सामान को देखा जाए तो चाइना में बना लग रहा है।

आकर्षक और सस्ते

दीपावली पर चीन के सबसे ज्यादा पटाखे, लाइटिंग और साज सज्जा के सामने सेल किए जाते हैं। दरअसल, चाइनीज माल इंडिया में बने सामान से काफी आकर्षक और सस्ता होता है। ऐसे में उनकी बिक्री भी खूब होती है। अगर वेस्ट यूपी की बात करें तो करीब 2 से 2.5 हजार करोड़ रुपए का मार्केट चाइनीज सामान का है। जबकि अकेले मेरठ में ही चाइनीज कारोबार 200 करोड़ का है। ऐसे में कोई भी व्यापारी इतने बड़े नुकसान झेलने को तैयार नहीं है। वैसे एक व्यापारी ने नाम और जगह ना प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उसने करीब 30 लाख रुपए आइटम चाइना से मंगाया है। ऐसे में ये ना बिका तो वो बर्बाद हो जाएगा।

क्या करें मजबूरी

एक व्यापारी नेता ने बताया कि दीपावली सिर पर है। सभी व्यापारी भाइयों ने लाखों रुपए का सामान अपनी दुकानों और गोदाम में भर लिया है। ऐसे में उनका सामान नहीं बिकेगा तो ऐसा ही होगा। एक व्यापारी लाखों करोड़ों रुपए का नुकसान कैसे झेलेगा। पिछले कुछ सालों में चाइनीज सामान लोगों के बीच काफी पॉपुलर हुआ है। मेड इंडिया से काफी सस्ता भी है। ऐसे इन सामानों की खरीद बढ़ी है।

दिवाली का पूरा स्टॉक मार्केट में आ चुका है। ऐसे में अधिकांश सामान चाइना का है। अपना सामान बेचने को मजबूरीवश तरह-तरह के हथकंडे अपनाने पड़ रहे हैं। इसके लिए केन्द्र सरकार को आगे आना चाहिए।

-नवीन गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ मेरठ