बीजिंग (पीटीआई)चीन की एक सर्वेक्षण टीम दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत की सटीक ऊंचाई को मापने के लिए बुधवार को तिब्बत के रास्ते माउंट एवरेस्ट पर पहुंची। चीन के माप के अनुसार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8844.43 मीटर है जो नेपाल की गणना से चार मीटर कम है। पर्वत की ऊंचाई को लेकर नेपाल और चीन के विचार भिन्न हैं। 1 मई को, चीन ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई को मापने के लिए एक नया सर्वेक्षण शुरू किया। इसको लेकर वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि यह प्रकृति के मानव ज्ञान को बढ़ाएगा और वैज्ञानिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

दो बार मापी गई है ऊंचाई

चीनी सर्वेक्षणकर्ताओं ने माउंट एवरेस्ट पर छह राउंड के स्केल माप और वैज्ञानिक अनुसंधान आयोजित किए हैं और 1975 व 2005 में दो बार चोटी की ऊंचाई के बारे में बताया है, जो क्रमशः 8,848.13 मीटर और 8,844.43 मीटर थी। तिब्बती भाषा में माउंट एवरेस्ट को माउंट कोमोलंगमा के नाम से जाना जाता है। चीन और नेपाल ने 1961 में माउंट एवरेस्ट के शिखर से गुजरने वाली सीमा रेखा के साथ अपना सीमा विवाद सुलझा लिया था। बता दें कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही तिब्बती रास्ते का उपयोग कर रहे हैं क्योंकि चीन ने नेपाल की तुलना में बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया है।

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