- आईआईएम में आयोजित लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम 'मंथन-3' कार्यक्रम में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ

- शासन के विभागों के जरिये आगे भी कार्यक्रम जारी रखने की जताई इच्छा

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रुष्टयहृह्रङ्ख : 'लोकतंत्र की कसौटी पर खरा उतरने के लिये जरूरी है मंथन' यह कहना है प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का। वे रविवार को आईआईएम में आयोजित लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम 'मंथन-3' कार्यक्रम में उपस्थित अपनी ही टीम के मंत्री व अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश सरकार के मंत्रियों व सीनियर अफसरों ने लगातार तीन रविवार लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम-मंथन कार्यक्रम में टीम वर्क, नेतृत्व क्षमता का विकास, नीतियों का निर्धारण और क्रियान्वयन तथा विषम परिस्थितियों में फैसले लेने संबंधी तमाम गुण सीखे। तीन चरणों का यह सत्र रविवार को जरूर खत्म हो गया, लेकिन योगी ने कहा कि यह आगे भी चलता रहेगा। लोकतंत्र की कसौटी पर खरा उतरने के लिए मंथन जैसे कार्यक्रम जरूरी हैं।

प्रशासक साबित हो सकते हैं अच्छे छात्र

सीएम ने रविवार को मंथन के अंतिम सत्र की शुरुआत से पहले कहा कि शासन-प्रशासन को विश्वसनीयता का प्रतीक बनाया जाना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। इसके लिए आईआईएम लखनऊ की निदेशक प्रोफेसर अर्चना शुक्ला से एक उपयोगी कार्यक्रम तैयार करने को कहा था। मंथन इसकी कड़ी है। मंथन के जरिये राज्य सरकार से जुड़ने के लिए आईआईएम लखनऊ के प्रति योगी ने आभार जताया। भरोसा दिया कि शासन के विभागों और विभिन्न कमेटियों के जरिये यह कार्यक्रम आगे भी चलता रहेगा। कहा कि इस कार्यक्रम ने साबित किया है कि शासन-प्रशासन संचालित करने वाले अच्छे छात्र भी हो सकते हैं।

कोई नहीं होता परिपूर्ण

योगी ने कहा कि यह कार्यक्रम सभी के लिए कौतूहल और आश्चर्य का विषय है। सामान्य धारणा है कि शासन-प्रशासन में बैठे लोग परिपूर्ण, सर्वज्ञ और सर्वशक्तिमान होते हैं। सीएम ने कहा कि वह मानते हैं कि ऐसी धारणा उचित नहीं है, जो व्यक्ति यह मानने लगता है कि वह सर्वज्ञ और परिपूर्ण है उसमें गिरावट और पतन की संभावना दिखने लगती है। इस मौके पर आईआईएम की निदेशक प्रोफेसर अर्चना शुक्ल ने भी अपने विचार रखे।