कानपुर।& केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल को पेश किया। बिल को लेकर पहले गृह मंत्री अमित शाह और विपक्षी सांसदों के बीच तीखी बहस हुई और इसके बाद मतदान हुआ। मतदान विपक्ष की मांग पर कराया गया। लोकसभा में कुल 375 सांसदों ने वोट किया। इसमें बिल पेश होने के पक्ष में 293 वोट और विरोध में 82 वोट पड़े। लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश करने वाले अमित शाह ने इस दाैरान विपक्ष को आड़े हाथाें लिया।



बिल मुसलमानों के अधिकारों को छीनगा यह गलत है

गृहमंत्री ने कहा कि इस बिल की जरूरत कांग्रेस की वजह से पड़ी क्योंकि उसने देश का विभाजन धर्म के आधार पर किया है। नागरिकता संशोधन बिल को लेकर भी उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में, हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, ईसाइयों, पारसियों और जैनियों के साथ भेदभाव किया गया है। ऐसे में यह बिल इन सताए हुए लोगों को नागरिकता देगा। इसके साथ ही यह भी कहा कि यह आरोप कि यह बिल मुसलमानों के अधिकारों को छीन लेगा तो यह बात पूरी तरह से गलत है ।

देश में उन्हें अवैध अप्रवासियों के रूप में देखा जा रहा

बिल पास होने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। इसके जरिए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के उन सदस्यों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आए हैं और धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। देश में उन्हें अवैध अप्रवासियों के रूप में देखा जा रहा है। यह बिल विवादों में घिरा है। वहीं बीजेपी ने इसे 2014 और 2019 में अपने चुनावी वादे का हिस्सा बनाया था।

National News inextlive from India News Desk