-सदर तहसील में मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल के स्थापना की शुरू हुई तैयारी

-दुर्घटना से संबंधित सभी दावों का होगा तुरंत निस्तारण

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VARANASI

रोड एक्सिडेंट में किसी की मौत या इंजर्ड होने पर सरकार से क्लेम पाने का हक है. सड़क दुर्घटना के पीडि़तों या उनके आश्रितों को इसके लिए अभी तक विभागों और जिला न्यायालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है. इससे उन्हें काफी परेशान होना पड़ रहा है लेकिन अब इनकी सुविधा के लिए सदर तहसील की पुरानी बिल्िडग में ही मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल खुल रहा है. जहां दुर्घटना से संबंधित सभी तरह के दावों का तुरंत निस्तारण होगा. वाराणसी में मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल के स्थापना की तैयारी शुरू हो गई है.

एक्शन में आया परिवहन विभाग

परिवहन विभाग ने सदर तहसील की पुरानी बिल्िडग में प्रस्तावित मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल की स्थापना के लिए शासन से बजट की डिमांड की है. साथ ही एक प्रपोजल भेजा है, जिसमें ट्रिब्यूनल के लिए जरूरी सामान का स्टीमेट है. इसके अलावा स्टाफ की तैनाती प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. ट्रिब्यूनल में एक पीठासीन अधिकारी व तीन स्टाफ होंगे. पीठासीन अधिकारी की तैनाती शासन स्तर पर होगी, जबकि स्टाफ की तैनाती के लिए डीएम को लेटर भेजा गया है.

दावा के लिए दो दर्जन श्रेणियां

पब्लिक सर्विस व्हीकल से हुई दुर्घटना में पीडि़त व्यक्ति, कोई और या उनके उत्तराधिकारी दावा पाने के पात्र होते हैं. वह मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल में दावा कर सकते हैं. ज्ञात और अज्ञात दोनों तरह के मामलों में दावा का प्रावधान है. दावा के लिए दो दर्जन श्रेणियां निर्धारित हैं.

इनमें मिलेगी इतनी राशि

सवारी की मौत या पूरी तरह नि:शक्त होने पर परिजनों को 40 हजार व अन्य को दस हजार रुपये मिलेंगे. सवारी के दो अंग डैमेज या दोनों आंखों की रोशनी जाने पर 40 हजार और अन्य को दस हजार मिलेंगे. सवारी के टखने के ऊपर एक पैर डैमेज होने पर 20 हजार व अन्य को पांच हजार रुपये मिलेंगे. पैर की समस्त अंगुलियों की हानि व दोनों बड़ी अंगुलियों की हानि पर आठ हजार व अन्य को दो हजार रुपये मिलेंगे. इसके अलावा सवारी के एक नेत्र की हानि या दोनों कानों के सुनने की क्षति पर 20-20 हजार व अन्य को पांच-पांच हजार मिलेंगे. दाहिनी कलाई से या उससे ऊपर एक भुजा की क्षति होने पर 20 हजार व अन्य को पांच हजार मिलेंगे.

अभी दीवानी में चलता है केस

अभी तक ट्रिब्यूनल कोर्ट केवल राजधानी लखनऊ में ही था. वाराणसी स्थित दीवानी कचहरी में दुर्घटना से संबंधित केस देखे जाते हैं, लेकिन यहां मुकदमों की लम्बी सूची है. अब ट्रिब्यूनल की स्थापना होने पर निर्धारित समय में पीडि़तों को दावा राशि मिल जाएगी. ट्रिब्यूनल में मुकदमों की सुनवाई के लिए एडीजी रैंक के अधिकारी बैठेंगे.

वर्जन--

संभाग के समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है. ट्रिब्यूनल की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ट्रिब्यूनल के गठन से क्लेम लेने में लोगों को आसानी होगी. बहुत जल्द वाराणसी में ये कोर्ट शुरू हो जाएगा.

-आरपी द्विवेदी, आरटीओ