-एक सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से कम हो रहा गंगा का जलस्तर

तटवर्ती इलाकों में पानी कम होने के बाद फैलने लगी गंदगी

VARANASI

कई दिनों तक कहर बरपाने के बाद सोमवार से गंगा और वरुणा में घटाव शुरू हो गया है। एक घंटे में एक सेमी गंगा का जलस्तर घट रहा है। रात आठ बजे तक जलस्तर 71.78 दर्ज किया गया। इससे प्रशासन ने राहत की सांस ली। लेकिन इससे साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों की मुसीबत बढ़ गयी है। बाढ़ का पानी अपने पीछे भीषण गंदगी छोड़कर जा रहा है। इससे संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ गया है। बिजली-पानी की प्रॉब्लम तो पहले से ही है। प्रशासन ने बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित 44 कालोनियों निवासियों के लिए सुझाव जारी किया है।

कैद हैं घरों में

गंगा और वरुणा के निकटवर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी अभी भी भरा है। तीन हजार से अधिक लोगों ने राहत शिविरों में आसरा लिया है, जबकि नगवां, अस्सी, सामने घाट, मारुति नगर, रमना, कोनिया, शैलपुत्री, नक्खीघाट, ढेलवरिया आदि इलाकों में अब भी हजारों लोग घरों में कैद है। इनके सामने भोजन और पानी को लेकर परेशानी है। बिजली कटने से लोग अंधेरे में रहने को विवश है। हालांकि प्रशासन के अलावा कुछ सामाजिक संस्थाओं ने इन लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाकर इनकी समस्याओं को कुछ कम करने का प्रयास किया है।

घट रही गंगा

रविवार रात से गंगा की रफ्तार मंद होते ही घटाव शुरू हो गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सोमवार सुबह से गंगा और वरुणा नदी में घटाव शुरू हो गया है। एक घंटे में गंगा का जलस्तर एक सेमी कम हो रहा है। अगर यही रफ्तार रही तो मंगलवार सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 71.55 मीटर तक पहुंच जाएगा। बुधवार को गंगा का पानी खतरे के निशान से नीचे पहुंच जाएगा।

डीएम ने जारी किया सुझाव

डीएम सुरेंद्र सिंह ने बाढ़ शिविरों का जायजा लिया और बाढ़ पीडि़तों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने बताया कि बाढ़ पीडि़तों के लिए 24 घंटे कंट्रोल रूम काम कर रहा है। जहां लगातार पीडि़तों का फोन आ रहा है। जरूरत के हिसाब से उनकी मदद की जा रही है। साथ ही सुझाव भी दिया जा रहा है।

-जब तक प्रशासन अनुमति न दें तब तक राहत शिविर छोड़कर अपने घर न जाए।

बाढ़ का पानी घटने के बाद अपने घरों में तुरंत न घुसें, हो सकता है कि दीवारें या सीलिंग कमजोर हो गए हो।

-किसी प्रमाणित अथॉरिटी से घर की जांच कराने के बाद ही घर में प्रवेश करें।

-यदि बाढ़ के समय घर छोड़ने से पूर्व आप बिजली की सप्लाई बंद करना भूल गए थे तो घर में दोबारा प्रवेश करने पर बिजली के किसी उपकरण को न छुएं।

-घर के सामान या घर में हुए किसी भी नुकसान को लोकल अथॉरिटी से वेरीफाई कराना ना भूले।

-जब तक स्थानीय प्रशासन अनुमति न दे पीने के पानी के पारम्परिक स्त्रोतों का इस्तेमाल कदापि न करें, वह दूषित हो सकता है।

घर वापस जाने के बाद आसपास उच्च कोटि की सफाई व्यवस्था रखें तब तक बच्चों को गंदगी से दूर रखें।

कालीन, दरी, खिलौने इत्यादि जो गंदी हो गई हो उन्हें अच्छी तरह से साफ करके धूप में सुखाएं।

बर्तन एवं रोजमर्रा के अन्य उपकरण अच्छी तरह से साफ करके ही इस्तेमाल करें।