- सीवर चोक होने से सिटी के कई एरिया में अभी भी है वाटर लॉगिंग

- 839 किलोमीटर की सीवर लाइन की नहीं होती प्रॉपर सफाई

VARANASI

शहर को स्मार्ट बनाने के लिए हजारों करोड़ रुपये पानी की तरह बहा दिये गये। पर एक घंटे का पानी भी बनारस झेल नहीं सका। ये हम नहीं कह रहे हैं आप खुद इस बात को महसूस कर रहे होंगे। आपके आसपास भी वाटर लॉगिंग होगी। यही दशा पूरे सिटी की है। तीन दिन की बारिश में तो पूरा ड्रेनेज सिस्टम फेल हो गया है। हालत ये हो गयी कि पूरा शहर जलमग्न हो गया। ड्रेनेज सिस्टम चोक लेने से वीआईपी क्षेत्र रविंद्रपुरी कालोनी, दुर्गाकुंड समेत कई इलाकों में गुरुवार को भी पानी भरा है। नगर निगम के अफसरों की मनमानी का नतीजा है कि जब-जब बारिश होती है, तब-तब शहर का ड्रेनेज सिस्टम चोक ले लेता है।

नहीं होती ड्रेनेज की मॉनीटरिंग

शहर में अभी 839 किलोमीटर की सीवर लाइन है, जिसकी सालभर में यदा-कदा ही मानीटरिंग होती है। परम्परा के अनुसार सिर्फ मानसून आने से पहले ही ड्रेनेज सिस्टम को साफ करने की फर्जअदायगी कर दी जाती है। शहर के प्रमुख नालों-नालियां की सफाई कराई जाती है, लेकिन साथ में लापरवाही भी बरती जाती है। नालों से निकलने वाले सिल्ट को मौके पर ही छोड़ दिया जाता है। निगम के अधिकारियों की अनदेखी के चलते बारिश होते ही वह फिर नालों में चला जाता है। इसी वजह से हर बार बारिश में जलभराव की स्थिति पैदा हो जाती है।

परेशान शहर, बेफिक्र अफसर

सीवर कनेक्शन मामले में हालात बदतर हैं। शहर के आधे से अधिक घर सीवर कनेक्शन विहीन हैं। इनमें अधिकतर घर ट्रांस वरुणा क्षेत्र में है। रजिस्टर्ड कुल 1,85,628 घरों में 1,08000 सीवर नेटवर्क से जुड़े हैं। बाकी 77628 घरों को सीवर कनेक्शन से जोड़ना है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ट्रांस वरुणा में 50,260 घरों में सीवर कनेक्शन की जद्दोजहद कर रही है। अभी 23,050 घरों में कनेक्शन देने की कवायद चल रही है।

ड्रेनेज सिस्टम फेल होने की मुख्य वजहें

-हर दो महीने पर नालों की सफाई नहीं होती है।

-मानसून आने से पहले सफाई के बाद छोड़ दिया जाता है सिल्ट

-शहर के कई इलाकों में बिछाई गई सीवर लाइन में बरती गई लापरवाही

-शहर में कई जगहों पर आपस में कनेक्ट नहीं है पाइप

-खुले होने के कारण प्लास्टिक और गंदगी से पट जाते हैं नाले

-कई प्रमुख सड़कों के किनारे नाली नहीं काटी गई है।

-पशुपालकों द्वारा गाय-भैंस के गोबर नालों में बहाया जाता है।

-शहर में कई कालोनियों में नाले का निर्माण नहीं किया गया है।

वर्जन

शहर का ड्रेनेज सिस्टम काफी पुराना हो चुका है। जो जगह-जगह ध्वस्त हो गया है। कुछ जगहों पर सिल्ट भर गई है। लाइन जाम होने के कारण दिक्कत आ रही है। नई लाइन बिछाने के बाद ही सभी घरों को सीवर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।

-आशुतोष द्विवेदी, नगर आयुक्त

839

किलोमीटर फैली है शहर में सीवर लाइन

26

शहर में कुल नालों की संख्या

20.55

मीटर नालों में औसतन सिल्ट की गहराई

34

लाख खर्च हुआ नालों में सिल्ट की सफाई पर