अशोक विहार कॉलोनी में हुई हत्या

में इस्तेमाल पिस्टल बरामद, चार जिंदा कारतूस भी मिले

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VARANASI

कैंट थाना अंतर्गत अशोक विहार कालोनी में रविवार रात बिल्डर बलवंत सिंह की गोली मारकर हत्या करने के आरोपित पंकज चौबे को गिरफ्तार कर लिया। मौके से मिले खोखे के आधार फोरेंसिक टीम ने स्पष्ट किया है कि घटना में .32 बोर की पिस्टल प्रयोग की गई है। पूर्व डीआइजी सभाजीत सिंह के बेटे पकंज की हत्या और ढाई माह में 11वें मर्डर से पुलिस महकमे में खलबली मच गई।

भागने की फिराक में था आरोपी

सारनाथ पुलिस आरोपी पंकज चौबे की तलाश में चौबेपुर बाजार में चेकिंग चला रही थी। बाजार में गाजीपुर की तरफ से सफेद रंग की एक्सयूवी आती दिखी। शक होने पर पुलिस ने रुकने का इशारा किया तो वह बैक कर भागने लगा। थाना चौबेपुर के पास पुलिस ने रोककर गाड़ी की तलाशी ली। पूछताछ में ड्राइवर ने अपना नाम पंकज चौबे पुत्र चन्द्रभूषण निवासी रमरेपुर बताया। पूछताछ के बाद पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल पिस्टल .32 बोर लाइसेंसी व चार अदद जिंदा कारतूस बरामद किया।

बेटे ने दर्ज कराया मुकदमा

सिंह मेडिकल में बलवंत की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजन मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद ही शव ले जाने पर अड़े थे। रातभर बवाल के बाद सोमवार की सुबह बेटे अनुराग ने सारनाथ थाने में पंकज चौबे पर पिता बलवंत की हत्या का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया।

पूर्व डीआईजी का बेटा

मूल रूप से वाराणसी के बड़ागांव थाना के अकोढ़ा गांव के रहने वाला बलवंत सेवानिवृत्त डीआईजी सभाजीत सिंह का बेटा था। रियल स्टेट कम्पनी सत्य साई बाबा इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में पार्टनर था। कंपनी में इन दिनों विवाद चल रहा है। रविवार को गोपाल सिंह के पहडि़या अशोक विहार कॉलोनी में मीटिंग बुलाई गई थी यहां दावत भी था। मीटिंग में तीसरे पार्टनर पंकज चौबे के साथ कुछ अन्य लोग भी थे। बलवंत अपनी बुलेटप्रूफ कार और लाइसेंसी पिस्टल लेकर आया था। बलवंत देर रात गोपाल सिंह के घर के बाहर आया। कार में बैठने जा रहा था कि इसी बीच गोली चलने की आवाज सुनाई दी। चालक ने देखा कि बलवंत के पेट से खून निकल रहा है। उसे लेकर अस्पताल भागा, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। आरोप है कि पंकज ने गोली मारी थी।