जैतपुरा स्थित पाश्चात्यवर्ती महिला देखरेख संगठन में मौजूद 20 मूक बधिर संवासिनियों को दी जायेगी लैंग्वेज की स्पेशल ट्रेनिंग

VARANASI

आपने बजरंगी भाईजान मूवी तो देखी होगी। इस फिल्म में सरहद उस पार से मासूम शाहिदा भारत में आकर गुम हो जाती है। बेचारी बोल सुन नहीं पाती तो अपना दर्द और अपने घर का पता किसी से नहीं बता पाती। बस यही परेशानी उसको कई दिनों तक उसके घर दूर रखती है। कुछ इसी तरह की हालत अपने शहर में कई ऐसी शाहिदा की है। फिल्म में तो शाहिदा को उसके घर ले जाने के लिए बजरंगी भाईजान मिल गया था लेकिन अपने शहर इन शाहिदा को अभी भी बजरंगी भाईजान को इंतजार है। हालांकि प्रोबेशन डिपार्टमेंट बजरंगी भाईजान से इस रोल इन शाहिदा की मदद को आगे आया है। देखना अब ये होगा कि इनको अपने मिलते हैं या नहीं।

इधर उधर से पहुंच गई यहां

जैतपुरा स्थित पाश्चात्यवर्ती महिला देखरेख संगठन में ऐसी एक दो नहीं बल्कि ख्0 शाहिदा हैं। क्म् से लेकर फ्0 साल की उम्र के बीच की बोलने और सुनने में असक्षम इन युवतियों को अलग-अलग जगहों से बेसहारा घूमते वक्त लाकर यहां रखा गया है। बोल सुन न पाने की दशा में कई बार इनको इनके अपनों तक पहुंचाने का प्रयास हुआ लेकिन इनके कोई रिस्पॉन्स न देने के कारण नतीजा हमेशा ही फेल रहा। हालांकि एक बाद फिर से प्रोबेशन विभाग ने इन संवासिनियों के घर का पता लगाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए विभाग ने मूक बधिर संवासिनियों को स्पेशल लैंग्वेज ट्रेनिंग देने की योजना बनाई है। इस ट्रेनिंग में इनको इशारों की भाषा सिखाई जायेगी। ताकि इसे सीखने के बाद ये बेसहारा अपने घर का पता इशारों में बताकर वापस जा सके। इस बारे में जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात रंजन का कहना है कि लगभग ख्0 संवासिनियों को विकलांग समाज कल्याण विभाग की ओर से ये स्पेशल ट्रेनिंग दी जायेगी। ताकि उनको उनके गांव, देश या जिले में वापस भेजा जा सके। ये करने से हमें भी बड़ा सुकून मिलेगा।