RANCHI:सिटी में इंड-टू-इंड बस सेवाएं शुरू करने की तैयारी जोरों पर है। सरकार ने यात्रियों को व्यावसायिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इसका नियंत्रण झारखंड अरबन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (जुटकोल) के हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। नगर विकास और आवास विभाग की इस महत्वाकांक्षी योजना में 625 करोड़ खर्च होंगे। प्रारंभिक चरण में रांची की सिटी बस सेवा को दुरुस्त किया जाएगा। जुटकोल के अधिकारी आशुतोष कुमार ने बताया कि रांची में सिटी बस सेवा के लिए 340 नई बसें खरीदी जाएंगी। सरकार की तरफ से सिटी बस सेवा को लेकर बस स्टैंड्स का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा। इसमें लंबी दूरी की बस सेवा से संबंधित बस स्टैंड्स को शामिल नहीं किया गया है।

जुटकोल का किया गठन

सरकार की तरफ से झारखंड अरबन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (जुटकोल) का गठन किया गया है। इसके जरिए सिर्फ सिटी बस सेवाओं का संचालन किया जाएगा। जुटकोल का गठन 2016 में नगर विकास और आवास विभाग के स्पेशल परपज व्हीकल के रूप में किया गया है। इसके सीएमडी नगर विकास विभाग के सचिव हैं। जुटकोल में अब योजना को साकार करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट बनाई जा रही है। पीएमयू के गठन के लिए एजेंसी का चयन इस माह के अंत में कर लिया जाएगा।

क्या है इंड-टू-इंड बस सेवा

सरकार की तरफ से रांची समेत सभी प्रमुख शहरों में सिटी बस के इंड-टू-इंड बस सेवा शुरू होगी। पहले चरण में रांची शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा। जुटकोल की तरफ से रूट चार्ट और केंद्रीयकृत बस अड्डे का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। थर्ड पार्टी ऑपरेटर के जरिए नगर बस सेवाएं संचालित की जाएंगी, जिसपर जुटकोल से निगरानी की जाएगी। योजना में कंप्यूटर आधारित इलेक्ट्रॉनिक कमांड कंट्रोल और कम्युनिकेशन व्यवस्था लागू करने का प्रावधान है.इसमें समेकित यातायात प्रबंधन, कॉरिडोर मैनेजमेंट, किराया प्रबंधन और समेकित यातायात और ट्रैफिक व्यवस्थाएं भी शामिल हैं। सिटी बस सर्विस रांची के लिए 33 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वहीं सिटी बस ऑपरेशन के लिए स्थायी डिपो और टर्मिनल के लिए 30 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा फ्रेश कॉरिडोर भी गठित किया जाएगा। राजधानी में सिटी बस सेवा को लेकर 63 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वैसे अभी भी 55 से अधिक सिटी बस राजधानी में संचालित हो रही हैं।

562 करोड़ में बस स्टैंड्स का जीर्णोद्धार

सरकार की तरफ से 562 करोड़ की लागत से राज्य के अन्य शहरों के बस स्टैंड्स का जीर्णोद्धार किया जाएगा। सभी जिलों में सिटी बस सेवा से जुड़े डिपो में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ स्टेट ऑफ आर्ट व्यावसायिक सुविधाएं भी बहाल की जाएंगी। सरकार की तरफ से वायीब्लिटी (संभाव्यता) गैप फंडिंग की भी व्यवस्था की गई है।