-मैसेज भेजने के 48 घंटे के अंदर कृषि विभाग समस्या का बताएगा हल

-रोग व कीटों के प्रकोप से प्रतिवर्ष फसल होती है बर्बाद

चंदौली : आपके फसल में रोग लगा हो या कीट, पंतगों से क्षति पहुंच रही हो। या फिर खेती किसानी से संबंधित कोई जानकारी लेनी हो बस एक व्हाट्सअप या एसएमएस करना होगा। इसके लिए किसानों को रोग से प्रभावित फसल की फोटो खींचकर व्हाट्सअप पर डालनी होगी। 24 से 48 घंटे में कृषि विभाग की टीम किसान से संपर्क कर मौके पर जाएगी या व्हाट्सअप के जरिए ही रोग से नियंत्रण के उपाय सुझाएगी। इतना ही नहीं कृषि अधिकारी मौके पर पहुंचने पर आस-पास के किसानों की शिकायत का भी निस्तारण करेंगे।

पीसीएसआरएस योजना लागू

आमतौर पर देखा जाता है कि जागरूकता के अभाव में किसान अपनी फसल को हानिकारक कीटों व रोगों से नहीं बचा पाते। ऐसे में प्रतिवर्ष 20 से 25 फीसद फसल रोग व कीट से बर्बाद हो जाती है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कृषि के क्षेत्र में सूचना क्रांति किसानों की समस्याओं के निदान करेगी। इसके लिए सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (पीसीएसआरएस) योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत किसान अपनी फसल में कीट, रोग समस्या के निदान के लिए व्हाट्सअप पर एसएमएस करेंगे।

ऐसे करेंगे शिकायत

किसानों को एसएमएस करने के लिए कृषि विभाग में अपना पंजीकरण नंबर अथवा नाम, ग्राम का नाम, विकास खंड, जनपद का नाम लिखते हुए मोबाइल नंबर 945224711 व 945225711 पर एसएमएस/व्हाट्सअप अथवा डब्लूडब्लूडब्लू डॉट अप एग्रीकल्चर डॉट काम विभागीय वेबसाइट पर भेजना होगा। उनकी समस्या का 24 से 48 घंटे के अंदर निदान कर दिया जाएगा।

लाभांवित होंगे किसान

जिला कृषि अधिकारी कमलजीत सिंह ने कहा कि योजना के तहत किसानों को लाभांवित करने के लिए जिले के सभी राजकीय बीज केंद्रों पर मोबाइल नंबर अंकित करा दिया गया है। ताकि किसान अपनी समस्या का त्वरित निदान करा सकें। साथ ही इसके लिए किसानों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।

किसानों को मिलेगा फायदा

शहाबगंज विकास क्षेत्र के जागरूक किसान चंद्रशेखर पांडेय ने कहा कि सरकार की इस योजना का लाभ निश्चित रूप से किसानों को मिलेगा। अब किसानों को व्हाटसअप करना मुश्किल नहीं है। यदि जिन किसानों को व्हाटसअप नहीं करना आता च्नके बच्चे आसानी से एसएमएस कर सकते हैं। वहीं सकलडीहा विकास क्षेत्र के दुर्गापुर गांव के युवा किसान आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि व्हाट्सअप के जरिए युवा किसानों को खेती के क्षेत्र में लाभ मिलेगा।