जिन क्षेत्रों से हटाया गया अतिक्रमण वहां जमा है कब्जा

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में हुआ खुलासा

VARANASI

सीन-1

नई सड़क पर दोनों ओर पटरियों पर दर्जनों दुकानें सजी हैं। सैकड़ों लोगों की भीड़ खरीदारी में मशगूल है। इसके चलते रास्ता दो पहिया वाहन भी चलने लायक नहीं है। यातायात बुरी तरह से प्रभावित है। इस अतिक्रमण को हटाने के लिए कोई पुलिस नजर नहीं आ रही है।

सीन-2

गिरजाघर-गोदौलिया मार्ग पर सुबह से दर्शनार्थियों और स्नानार्थियों की भीड़ है। इसके साथ ही अतिक्रमणकारियों की मौजूदगी खूब है। इनकी वजह से पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। दूर-दराज से आने वाले धक्का-मुक्की करते ही आगे बढ़ पा रहे हैं।

ये सीन बता रहे हैं कि शहर में एक पखवारे से चल रहा अतिक्रमण विरोधी अभियान खास असर नहीं छोड़ सका। हर बार की तरह इस बार भी महज औपचारिकता हुई। दुकानों के टीन शेड तोड़े गये। कुछ के चबूतरे आदि को ध्वस्त किया गया। बड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो इसका फायदा अतिक्रमणकारी उठाने लगे। एक तरफ अतिक्रमण हटाया गया तो दूसरी तरफ जमाने लगे। इसमें उन्हें स्थानीय पुलिस का भी सपोर्ट जरूर मिल रहा होगा वरना अतिक्रमण फिर ना होने देने की जिम्मेदारी के बावजूद कैसे हो सकता था? दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने रविवार को शहर के ऐसे कई इलाके का रियलिटी चेक किया जहां पहले अतिक्रमण हटाया गया लेकिन बाद में फिर जम गया। अतिक्रमण रोकने की जिम्मेदारी स्थानीय थाने को दी गयी थी। पुलिस को क्षेत्र में भ्रमण का निर्देश दिया गया था। लेकिन भ्रमण नहीं हो रहा है और इसका फायदा अतिक्रमणकारी उठा रहे हैं।

तुम आगे हम पीछे

शहर की सड़कों पर जमे अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन ने महाअभियान चलाना तय किया। इसमें टै्रफिक पुलिस, नगर निगम की टीम को लगाया गया। जनवरी माह के पहले सप्ताह में अभियान की शुरूआत गोदौलिया से की गयी। इसके बाद लक्सा, नई सड़क पर भी अतिक्रमण को हटाया गया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम सुबह गोदौलिया पहुंची तो पटरी पर दुकानदारों का कब्जा रहा। नई सड़क पर तो रोड सिर्फ नजर आ रही थी जिससे बमुश्किल दो पहिया वाहन निकल सके। सड़क के अन्य हिस्से पर पटरी दुकानदारों का कब्जा था। साथ ही वो दुकानदार भी जमे हुए थे जिन्हें अभियान के दौरान हटाया गया था। लक्सा का नजारा भी कमोवेश यही रहा।

तरह-तरह की दुकानें

अंधरापुल से तेलियाबाग तक आधे से अधिक रोड पर कब्जा करके जूते-चप्पलों की पूरी मार्केट लग गयी थी। खरीदारों के वाहन भी सड़क पर ही जमे रहे। दुकानदारों ने भी इसका फायदा उठाया और दुकानें आगे बढ़ा लीं। दोपहर तक उन्हें हटाने की जहमत किसी ने नहीं उठायी। जबकि रास्ते से गुजरने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा। घौसाबाद में तो पूरा कार बाजार लगा दिया गया। इन अतिक्रमण को हटाने की जिम्मेदारी जिनकी थी न जाने क्यों उन्हें नजर नहीं आ रहा था।

सबका हो गया काम

गिरजाघर-लहुराबीर रोड पर अतिक्रमण तो सुबह से जमा था पब्लिक ने इसकी वजह से परेशानी भी खूब झेली लेकिन पुलिस इसे हटाने पहुंची दोपहर के बाद। अब इसकी वजह पुलिस की व्यस्तता थी या योजनाबद्ध कार्यशैली। रोड पर जमा दुकानदारों की दुकानदारी भी हो गयी और उन्हें हटाकर पुलिस ने अपनी भूमिका भी दिखा दी। अतिक्रमण महाअभियान शुरू होने के साथ ही जिम्मेदारी दी गयी थी कि जहां से अतिक्रमण हटाया गया वहां फिर से लगने पर थानेदार जिम्मेदार होंगे। लेकिन भला पुलिस को इससे क्या मतलब।

अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चल रहा है। सड़क पर अतिक्रमण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अगर किसी क्षेत्र में अतिक्रमण होता है तो उसके लिए स्थानीय अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

सुरेश चंद्र रावत, एसपी टै्रफिक