-शहर में जगह-जगह धंस रही सड़कें

-हर वक्त बनी रहती है दुर्घटना की आशंका

शहर की सड़कों पर जरा संभलकर चलें। कहीं ऐसा न हो कि आपके पैरों तले जमीन खिसक जाए। तमाम डेवलपमेंट वर्क की वजह से कई सालों से सड़कों को खोदकर बड़े-बड़े गढ्डे कर दिए गए। काम खत्म होने पर गड्ढ़ों की भरपाई नहीं हुई। बारिश के बाद सड़कों पर जलजमाव के चलते सड़कें धंस रही हैं। पांच फीट से लेकर बीस फीट तक गड्ढ़े हो जा रहे हैं। सोमवार को अर्दली बाजार मार्केट में सड़क पर बड़ा गढ्डा हुआ तो मंगलवार को महमूरगंज स्थित पदमिनी होटल के पास बीच सड़क हुए गढ्ड़े ने पब्लिक की राह रोक दी।

पोली हो गयी हैं सड़कें

शहर की ज्यादातर सड़कें नीचे से पोली हो गयी हैं। डेवलपमेंट वर्क के दौरान इन पर गहरा गढ्डा खोदा गया लेकिन ठीक से पाटा नहीं गया। अब हालत यह है कि जब-तब सड़कें धंस जाती हैं। कहीं छोटा गढ्डा होता है तो कहीं गहरा। सबके खतरनाक हालत बरसात में होती है। वाटर लॉगिंग होने पर सड़क धंस जाती है। जागरुक लोग चेतावनी के लिए उसमें बांस आदि डाल देते हैं। कई बार पानी भरा होने से गढ्डा होने का पता ही नहीं चलता और दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। इस बरसात में भी सड़कों के धंसने का क्रम शुरू हो गया है। इनको देखकर शहरवासी सड़क पर निकलने से खौफ खा रहा है।

मानक का नहीं रखा ध्यान

सड़क की खोदाई के बाद मानक के अनुसार उन्हें पाटा नहीं जाता है। इसका खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ता है। मानक के मुताबिक सड़क के गढ्डों में अच्छे से गिट्टी और बालू डालकर उसे अच्छे से पंच किया जाता है। यह प्रक्रिया तब तक की जाती है जब तक गढ्डा ठीक से भर न जाए। इसमें थोड़ा वक्त लगता है लेकिन जब वीवीआईपी दौरा हुआ तो आनन-फानन में सिर्फ मिट्टी डालकर गढ्डों को पाट दिया गया। अब बारिश में सड़कें धंसनी शुरू हो गयी हैं।

खूब हुई खोदाई

-लगभग एक दशक से शहर की सड़कों की खोदाई हो रही है।

-अंग्रेजों के जमाने सीवर सिस्टम को अपडेट करने के लिए 20 फीट से ज्यादा गहरी खोदाई करके मोटी-मोटी पाइप बिछायी गयीं।

-जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए स्टार्म वाटर ड्रेनेज के लिए सड़कों को खोदा गया।

-पेयजल पाइप लाइन बदले के लिए सड़कें और गलियां खोदी गयीं

-गैस पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़कों को खोदा गया

-आईपीडीएस के तहत बिजली के तारों को भूमिगत करने के लिए आधे शहर को खोद दिया गया

सुंदरपुर में धंस गई पटरी

हाल में पीडब्ल्यूडी की ओर से सुंदरपुर एरिया में एक लेन पक्की नाली का निर्माण कराया गया है। जेसीबी से सड़क किनारे पटरियों की खोदाई हुई और नाली बनाने के बाद हल्की मिट्टी डाल किनारे-किनारे पाट दिया गया। अब बारिश हुई तो पटरी पूरी धंस गई। नेवादा साइड में तो कई दुकानों का संपर्क मार्ग मेन रोड से टूट गया है। हद दर्जे की बरती गई लापरवाहियों का नजीता है कि न तो ठेकेदार साइड देखने गया और न ही पीडब्ल्यूडी के क्षेत्रीय जेई मौके पर पहुंचे। आसपास के दुकानदारों ने पीएम के संसदीय कार्यालय में इसकी शिकायत दर्ज कराई है।

यहां-यहां हुआ गढ्डा

-अर्दली बाजार में बीच सड़क छह से आठ फीट का गढ्डा

-महमूरगंज पद्मिनी होटल के पास दस फीट का गढ्डा

-पांडेयपुर-पहाडि़या मार्ग पर जगह-जगह हुए गढ्डे

-डीएलडब्ल्यू-चितईपुर, अवलेशपुर मार्ग तक चार फीट के गढ्डे

-सुंदरपुर, नेवादा एरिया की सड़क किनारे पटरियां हुई गढ्डायुक्त

-सामनेघाट-हाईवे तक मार्ग है खस्ताहाल