बारिश और कांवड़ यात्रा से सब्जियों की कीमत बढ़ी

लहसून-अदरक का भाव सुन लोग जा रहे घबरा

VARANASI

सावन में मौसम सुहाना हो गया है, रिमझिम बारिस ने दिल जीत लिया है लेकिन इस मौसम में सब्जियां सितम बरपा रही हैं। दाम में बेतहासा बढोत्तरी हो गयी है। एक पखवाड़ा पहले जिसकी कीमत पर मिल रही थीं अब उसके दूनी कीमत में बिक रही हैं। घर के बजट बनाए रखने के लिए गृहणियों ने खाने की थाली में सब्जियों की मात्रा और संख्या कम दी है। सब्जी कारोबारियों का कहना है कि दाम में कमी अब सावन बाद ही संभव होगा।

बंदी और बारिश बनी मुसीबत

सब्जियों के दाम में ज्यादा बढोत्तरी सावन के शुरू होने के साथ हुई है। आलू, प्याज, टमाटर समेत कई सब्जियां बनारस में बाहर से आती हैं। हरी सब्जियां भी आसपास के गांवों से आती हैं। देश के कई एरिया में बारिश और बाढ़ की वजह से सब्जियों लेकर ट्रक आदि शहर में नहीं आ पा रहे हैं। सावन में कांवड़ यात्रा शुरू होने से कई रूट पर आवागमन बंद होने की वजह से सब्जियां नहीं आ पा रही हैं। इसके चलते सब्जियों का दाम बढ़ रहा है। वहीं बारिश की वजह हरी सब्जी की खेती खराब हो रही हैं। इसके चलते हरी सब्जियों के दाम में बढोत्तरी हो गयी है। बनारस में प्याज नासिक से आता है। वहीं टमाटर बेंगलुरु और आलू, लहसून एमपी से आता है।

टमाटर और आम एक दाम

सावन में दाम बढ़ने से अब सब्जी खरीदना मुश्किल हो गया है। हालांकि सब्जियों के राजा आलू ने कुछ राहत दे दी है, लेकिन हरी सब्जियों के दाम आसमान पर हैं। नेनुआ, भिंडी, लौकी की कीमत 10 से बढ़कर बीस हो गई, लेकिन परवल और शिमला मिर्च का भाव सुनकर लोग घबरा जा रहे हैं। टमाटर और आम के रेट भी लगभग एक हो गए हैं। लोग कंफ्यूज हैं कि आम खरीदे या टमाटर। लहसून और अदरक का भाव सुनकर लोग इनसे मुंह फेर ले रहे हैं। बैगन और साग के दाम भी दोगुने हो गये हैं।

सब्जियों की कीमत पर एक नजर

शिमला मिर्च 50-80

टमाटर 60-80

अदरक 60-180

लहसून 40-100

बैंगन 20-40

परवल 20-40

आलू 10-16

प्याज 15-25

करेला 20-40

नेनुआ 10-20

¨भडी 15-20

कटहल 30-50

पब्लिक वर्जन

सब्जियों के रेट काफी बढ़ गये हैं, इससे रसोई का बजट बिगड़ गया है। सब्जी में टमाटर का इस्तेमाल कम कर रहे हैं। भिंडी, लौकी, आलू का रेट थोड़ा कम है, इसलिये इन्हें को ज्यादा खरीदकर काम चला रहे हैं।

-लक्ष्मी गुप्ता, सिगरा

कालोनी में रेहड़ी वाले मंडी से दोगुने कीमत पर सब्जियां देते हैं। मंडी दूर होने के कारण इन्हीं से सब्जी खरीदना मजबूरी है। सब्जी के अलावा फलों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। टमाटर और आम के दाम एक ही हैं।

-सुनीता मौर्या, मढ़ौली

सब्जी, फल और अनाज सब कुछ महंगा हो गया है। समझ में नहीं आता है कि फल खाएं या टमाटर। बिना सब्जी का खाना अच्छा नहीं लगता है। बजट गड़बड़ा गया है। फिर भी सब्जी-फल लेना मजबूरी है।

-सुमन सिंह

अदरक का भाव सुनकर हम दंग रहे गये। कुछ दिन पहले जितना में एक किलो मिल रहा था अब उतने ही रुपयों में ही एक पाव मिल रहा है।

अभी तक फल के दाम ही बढ़े थे अब तो सब्जियां भी भाव खाने लगी है।

-सारिका दूबे