- लखनऊ में समीक्षा के दौरान हुआ खुलासा, बनारस रीजन से हर माह डेढ़ करोड़ का हो रहा घाटा

- प्रयागराज रीजन कमाई के मामले में अव्वल

प्रदेश सरकार के खजाने को यूपी रोडवेज विभाग लम्बे अरसे से खाली कर रहा है, जिसमें वाराणसी रीजन की भूमिका मुख्य है। वाराणसी रोडवेज की करीब छह सौ बसें विभिन्न रूटों पर दौड़ रही हैं। जो घाटे का सौदा साबित हो रही है। सरकार को 742 रुपये प्रति बस नुकसान हो रहा है। लखनऊ मुख्यालय में अप्रैल से जुलाई तक सभी रीजन के बसों के प्रदर्शन की समीक्षा में यह खुलासा हुआ है। जबकि 148 रुपये प्रति बस मुनाफे की बदौलत प्रयागराज रीजन अव्वल है। उधर, सिटी बस संचालन से भी सरकार को प्रति माह करीब 20 लाख रुपये का घाटा हो रहा है।

डग्गामार वाहनों से बढ़ रहा घाटा

कैंट डिपो से लेकर चांदपुर चौराहे और आशापुर तक डग्गामार वाहनों की भरमार है। कैंट डिपो के सामने मौजूद बेखौफ डग्गामार वाहनों के परिचालक रोडवेज की सवारियों को जबर्दस्ती बसों में बैठाते हैं। सब कुछ नजरों के सामने होने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी मौन रहते हैं। डग्गामार के चलते करीब 50 प्रतिशत यात्री रोडवेज से सफर नहीं कर पाते। ऐसे में रोडवेज विभाग को घाटा होना स्वाभाविक है।

वाराणसी की स्थिति खराब

रोडवेज के लखनऊ मुख्यालय ने इसी सप्ताह सूबे के सभी 20 रीजन में बस संचालन से लेकर रोड फैक्टर और ईंधन खपत तक का मूल्यांकन किया गया। इसमें अप्रैल, मई, जून और जुलाई माह का औसत प्रदर्शन देखा गया। इसमें वाराणसी रीजन की स्थिति सबसे खराब रही। समीक्षा में पाया गया कि वाराणसी परिक्षेत्र का घाटा कम नहीं हो रहा है। यहां 742 रुपये प्रति बस नुकसान हो रहा है। कैंट डिपो से करीब 572 बसें विभिन्न रूटों पर दौड़ रही हैं।

सिटी बस से 20 लाख का नुकसान

शहर के 63 रूटों पर सिटी बस सेवा संचालित होती है। कैंट स्थित रोडवेज बस स्टेशन से करीब 70 बड़ी सिटी बस और गोलगड्डा स्थित काशी डिपो से करीब 60 छोटी सिटी बस शहर के सभी रूटों पर दौड़ रही हैं। जिनका किराया 96 पैसे प्रति किमी है। सिटी बस सेवा प्रभारी एसएन पाठक ने बताया कि सिटी बस सेवा भी घाटे का सौदा साबित हो रही है। सिटी बस संचालन में वाराणसी से सरकार को 20 लाख रुपये प्रति माह नुकसान हो रहा है।

एक नजर

742

रुपये प्रति बस विभाग को हो रहा नुकसान

148

रुपये प्रति बस मुनाफे की बदौलत प्रयागराज अव्वल

32

हजार लीटर डेली यूज होता है डीजल

574

रोडवेज बसें दौड़ रही विभिन्न रूटों पर

130

सिटी बसें भी शहर में हो रही संचालित

63

रुटों पर संचालित हो रही है सिटी बस सेवा

70

बड़ी सिटी बस कैंट रोडवेज बस स्टेशन से हो रही संचालित

60 छोटी सिटी बस शहर के सभी रूटों पर दौड़ रही

96 पैसे प्रति किमी है बसों का किराया

वर्जन

डग्गामार वाहनों के चलते रोडवेज विभाग को भारी घाटा हो रहा है। इन पर कोई कार्रवाई न होने से इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। अधिकारी सब कुछ देखते हैं, लेकिन मौन हैं। इन पर बैन लगते ही रोडवेज विभाग लाखों का लाभ होगा।

-इंदे्रश मिश्रा, क्षेत्रीय अध्यक्ष-यूपी रोडवेज इम्पलाइज यूनियन

लखनऊ मुख्यालय में किस आधार पर समीक्षा की गई है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई के लिए संबंधित आला अधिकारियों को पत्र लिखा जाता है। कार्रवाई क्यों नहीं होती ये मुझे नहीं पता।

-केके शर्मा, आरएम-रोडवेज कैंट