- करीब एक माह पहले ही कार्यालय बनकर हो गया है तैयार

- स्टाफ की नहीं हो पा रही है तैनाती, करीब चार सदस्यों का होगा स्टाफ

आगरा। एक्सीडेंटल क्लेम जल्द से जल्द फाइनल हो सके। बार बार मिलने वाली तारीख से निजात मिले, इसके लिए अलग से क्लेम ट्रिब्यूनल खोले जाने का निर्णय लिया है। प्रदेश के कई जनपदों में कार्य भी प्रारंभ हो गया है। आगरा की सदर तहसील में कार्यालय बन चुका है। लेकिन अभी तक स्टाफ की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इससे शहर वासियों को अभी समय पर न्याय नहीं मिल सकेगा। अपर जिलाधिकारी नगर का कहना है कि जल्द ही स्टाफ की व्यवस्था की जाएगी।

खुल चुका है कार्यालय

सदर तहसील में एक्सीडेंटल पेडिंग केसों के निस्तारण के लिए मोटर दुर्घटना प्रतिकर अधिकरण यानि क्लेम ट्रिब्यूनल खुल चुका है, जिसमें सिर्फ एक्सीडेंटल क्लेम के मामलों की ही सुनवाई होगी। मामलों के निस्तारण के लिए एक पीठासीन अधिकारी और तीन अन्य लोगों केस्टाफ की नियुक्ति होनी थी, लेकिन अभी तक नहीं हो सकी है।

कार्यालय हुआ तैयार

जिला सत्र न्यायालय में होती है सुनवाई

अभी तक एक्सीडेंटल क्लेम की सुनवाई जिला सत्र न्यायालय के सामान्य कोर्ट में होती है। कोर्ट में वर्क लोड होने के कारण समय पर एक्सीडेंटल क्लेम का निस्तारण नहीं हो पाता है। इसके लिए पीडि़त को तारीख पर तारीख दी जाती है। अधिवक्ता रवि चौबे ने बताया कि वर्क लोड अधिक होने के कारण इस तरह के केसों के निस्तारण में कम से तीन से पांच वर्ष लग जाते हैं। इसकी गंभीरता को देखते हुए परिवहन आयुक्त के आदेश पर डिस्ट्रिक्ट में अलग से कोर्ट बनाने के आदेश दिए थे। आदेशों के क्रम में सदर तहसील में क्लेम ट्रिब्यूनल का कार्यालय तैयार कर दिया गया है।

कोर्ट की तरह होगा काम

क्लेम ट्रिब्यूनल में भी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की तरह ही काम होगा। लेकिन यहां पर सिर्फ एक्सीडेंटल क्लेम की ही सुनवाई होगी। इससे यहां पर बार बार सालों तक चक्कर नहीं लगाने पडे़ंगे। जिससे समय पर और जल्द ही क्लेम मिल सकेगा।

समय और खर्च की हो सकेगी बचत

क्लेम ट्रिब्यूनल से वादकारियों का समय के साथ ही खर्चा भी बचेगा। लेकिन सवाल ये है कि आखिर कब तक क्लेम ट्रिब्यूनल में स्टाफ की तैनाती होगी और कम से न्याय मिलना शुरू होगा। अब लोगों के जेहन में यही सवाल चल रहा है। अपर जिलाधिकारी नगर का कहना है कि जिला जज स्तर से स्टाफ दिया जाना है।

हजारों की संख्या है पेंडिंग

एक्सीडेंटल केसों की पेंडेंसी हजारों की संख्या में है। जिनका निस्तारण समय पर वर्क लोड के कारण नहीं हो पाता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डिस्ट्रिक्ट में क्लेम ट्रिब्यूनल खोले जाने के आदेश दिए हैं, लेकिन कार्यालय तो खुल गए हैं, लेकिन स्टाफ की तैनाती नहीं हो सकी है।