अपनी आवाज और म्यूजिक से करोड़ों दिलों पर राज करने वाले फेमस प्लेबैक सिंगर व म्यूजिक डायरेक्टर शंकर महादेवन का मनाना है कि क्लासिकल म्यूजिक संगीत की आत्मा है। इसलिए वे अपने सभी गानों में क्लासिकल का टच जरूर डालते हैं.सैटरडे को इलाहाबाद में एक प्रोग्राम के सिलसिले में आये शंकर महादेवन से आईनेक्स्ट रिपोर्टर की खास बातचीत-

- क्लासिकल म्यूजिक पर बेस्ड रियलिटी शो क्यों कम होते हैं?

लाइट और बॉलीवुड म्यूजिक पर बेस्ड रियलिटी शो हमेशा से सक्सेज रहे हैं। जहां तक बात क्लासिकल की है तो नार्थ इंडिया में ये कम देखने को मिलते हैं। इसमें प्रोड्यूसर को लगता है कि शायद ये ऑडियंस को कम पसंद आए। सबसे बड़ी बात उन्हें शायद लगता है कि पैसे ना फंस जाएं। इसलिए ऐसा देखने को मिलता है। लेकिन साउथ इंडिया में कई रियलिटी शो हैं जो सिर्फ क्लासिकल म्यूजिक पर बेस्ड हैं और ऑडियंस के बीच काफी पॉपुलर हैं।

- क्लासिकल म्यूजिक को प्रमोट करने के लिए क्या कर रहे हैं?

मैं खुद भी पूरी तरह से क्लासिकल म्यूजिक बैकग्राउंड का हूं। इसलिए इसको प्रमोट करने के लिए मैं हर जरूरी कदम उठा रहा हूं। जैसा कि मेरे लगभग सभी गानों में क्लासिकल म्यूजिक का टच जरूर मिलेगा। इसके साथ ही बच्चों को सिखाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा हूं।

- आप की संगीत एकेडमी किस प्रकार रन कर रही है?

क्लासिकल म्यूजिक को बढ़ावा देने के लिए श्ाकर एकेडमी तैयार की है। जो क्लासिकल म्यूजिक को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन भी वर्क कर रही है। आज की डेट में व‌र्ल्ड के 47 देशों के लोग इस ऑनलाइन एकेडमी से क्लासिकल म्यूजिक की ट्रेनिंग ले रहे हैं। ऑनलाइन के जरिए हम लोगों को क्लासिकल म्यूजिक की बारीकियों की जानकारी दे रहे हैं। विभिन्न देशों के लोगों का रिस्पांस भी इसके प्रति तेजी से बढ़ा है।

- रियलिटी शो में जो बच्चे आते हैं, फिर वो गायब हो जाते है, ऐसा क्यों?

ऐसा नहीं है, जितने भी रियलिटी शो में बच्चे दिखाई देते हैं वे आज की डेट में एक प्रोफेशनल सिंगर के रूप में स्टैबलिस्ड हैं। देश भर में वे हर प्रकार के मौकों पर अपनी परफार्मेस देते हैं और नाम, पैसा कमाते हैं। कुछ ऐसे बच्चे भी हैं जो इन शो के साथ ही संगीत की साधना में सयम देते हैं। उनका फ्यूचर तो और भी ब्राइट है।

- आज के गानों में पहले जैसी बात नहीं दिखती है, आखिर क्यों?

ऐसा नहीं है। पहले के गानों की बात की जाए तो उस समय भी हर तरीके के गाने बनते थे। ये बात और है कि आज के समय में टीवी और रेडियो चैनल की भरमार है। इसलिए भी हर तरह के गाने लोगों के कानों तक पहुंचते हैं। जबकि पहले पॉपुलर सांग ही लोगों तक पहुंचते थे और आम आदमी उसे गुनगुनाता था। जहां तक गानों में वल्गरिटी की बात है तो ये सही है कि आज के समय में ऐसे गानों की संख्या बढ़ी है। लेकिन आज भी जो गाने अच्छे और मीनिंगफुल होते हैं।