छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : सिर्फ एक क्लास रूम स्मार्ट नहीं होगा, बल्कि राज्य के सभी हाई स्कूलों के क्लास रूम को स्मार्ट बनाया जाएगा। सभी कक्षाओं में डिजिटल स्मार्ट क्लास रूम का सेटअप स्थापित होगा। राज्य सरकार शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन करना चाहती है। इसी सोच के साथ झारखंड सरकार आगे बढ़ रही है। ये बातें शनिवार को बिष्टुपुर स्थित जमशेदपुर हाई स्कूल में डिजिटल स्मार्ट क्लास रूम के उद्घाटन के अवसर पर झारखंड के राज्य विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी (सीईओ) अनिल स्वरूप ने कही।

बच्चे बन रहे स्मार्ट

उन्होंने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त अमित कुमार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि पांच माह पूर्व ही वे केंद्रीय मानव संसाधन विकास सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वे स्कूली बच्चों से फिर से संवाद कर पाएंगे। लेकिन ऐसा हो गया। उन्होंने कहा कि आज के बच्चे स्मार्ट हो रहे हैं। यही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की निशानी है। इस कारण अब शिक्षकों को स्मार्ट बनना होगा।

थ्योरी के साथ करें प्रैक्टिकल

राज्य विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी (सीईओ) अनिल स्वरूप ने बच्चों से आग्रह किया कि वे स्मार्ट क्लास रूम व साइंस सेंटर का इस्तेमाल सही ढंग से करें। थ्योरी पढ़ने के बाद उसका प्रैक्टिकल अवश्य करें। जब तक इनका पूर्ण इस्तेमाल नहीं होगा, तब तक उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी।

34 स्कूलों में खुल चुके हैं स्मार्ट क्लास रुम

उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम में 34 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना हो चुकी है। आने वाले दिनों में अन्य उच्च विद्यालयों में इसकी स्थापना होगी। उन्होंने शिक्षकों से भी आग्रह किया कि वे परंपरागत पढ़ाई से हटकर अपने पढ़ाने की कला को परिवर्तित करें। इससे बच्चों में और समझ पैदा होगी।

एक स्मार्ट क्लास रुम की लागत 1.20 लाख

राज्य विकास परिषद के सीईओ अनिल स्वरूप को जब यह बताया गया कि एक स्मार्ट क्लास रूम के पूरे सेटअप पर 1.20 लाख रुपये खर्च होते हैं, तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया। मंच से ही उन्होंने कहा कि कंपनियां इस बारे में सोचें। इससे काफी कम लागत में स्मार्ट क्लास का सेटअप हो सकता है।