-मेयर और सफाई कर्मचारियों की वार्ता रही विफल

-कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखने की घोषणा

- सोमवार को बोर्ड बैठक में रखा जाएगा वेतन का मुद्दा

<-मेयर और सफाई कर्मचारियों की वार्ता रही विफल

-कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखने की घोषणा

- सोमवार को बोर्ड बैठक में रखा जाएगा वेतन का मुद्दा

Meerut: Meerut: नगर निगम सफाई कर्मियों की हड़ताल के चलते शनिवार को भी महानगर में गंदगी का महा संकट जारी रहा। मांग न पूरी होने से गुस्साए कर्मचारियों ने सुबह से ही शहर में उत्पात मचाना शुरू कर दिया। शहर की सड़कों को जहां कूड़े से पाट दिया गया। वहीं चौराहों पर जानवरों के शव टांग दिए गए। शहर में मची गंदगी और जनता के दबाव के चलते मेयर ने कर्मचारियों के साथ वार्ता कर समझौते का प्रयास किया, लेकिन कर्मचारियों ने मांग मानने से कम पर समझौता करने से इंकार कर दिया और हड़ताल जारी रखने की घोषणा कर दी।

पार्षद के घर पर किया हंगामा

शनिवार सुबह करीब आठ बजे सभी कर्मचारी ईव्ज चौराहा स्थित वाल्मीकि बस्ती पर एकजुट हुए। इसी दौरान कंकरखेड़ा के कुछ कर्मचारियों ने पार्षदों पर काम करने का दबाव बनाने की सूचना दी। सूचना पर कर्मचारियों ने कंकरखेड़ा स्थित वार्ड-क्ब् के पार्षद अजीत चौधरी घर पहुंच गए। गुस्साए कर्मचारियों ने यहां पार्षद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उसके घर के बाहर कूड़ा फेंक दिया। इसके बाद सभी कर्मचारी कंकरखेड़ा बाईपास होते हुए टीपी नगर पहुंचे और यहां पर भी सड़कों पर कूड़ा डाला। इसके बाद केसरगंज चौकी होते हुए कर्मचारी निगम कार्यालय पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया।

सड़कों पर मचाया उत्पात

हड़ताल के दौरान सड़कों पर उतरे कर्मचारियों ने जमकर उत्पात मचाया। कर्मचारियों ने सड़कों पर रखे निगम के कंटेनर पलट का सड़कों पर कूड़ा बिखेर दिया। इस दौरान कर्मचारियों ने पेड़ों की शाखाएं तोड़ कर रास्ता जाम कर दिया, जिससे सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई।

मेयर और नगर आयुक्त से वार्ता

निगम दफ्तर में धरना प्रदर्शन के दौरान नगर आयुक्त सतीश कुमार दुबे और मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने कर्मचारियों के पास वार्ता का न्यौता भेजा, जिस पर शाम चार बजे कर्मचारी मेयर कैंप कार्यालय पहुंचे। वार्ता के दौरान मेयर ने जब हड़ताल कॉल ऑफ करने का दबाव बनाया तो कर्मचारियों ने मांगें न मानी जाने तक हड़ताल जारी रखने की घोषणा कर दी।

बोर्ड बैठक में रखेंगे मुद्दा

कर्मचारियों का कहना है सोमवार को होने वाली नगर निगम बोर्ड बैठक में वेतन वृद्धि का मुद्दा रखा जाएगा। यदि बोर्ड उनके वेतन वृद्धि का प्रस्ताव पास कर शासन को नहीं भेजती तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी और शहर को कूड़े से पाट दिया जाएगा।