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PRAYAGRAJ: चुनाव ड्यूटी से घर लौट रहे आशीष कुमार त्रिपाठी (35) की रविवार रात बेरहमी से हत्या कर दी गयी. हत्यारों ने उसके सिर पर आगे और पीछे वार करके मौत के घाट उतारने के बाद सिर को मिट्टी में गाड़ दिया. उसकी बॉडी सड़क चौड़ीकरण के लिए खोदे गये गड्डे में मिली. सोमवार की सुबह इसका पता चलने पर लोग सन्नाटे में आ गये. घटना के संबंध में मृतक के भाई की तरफ से रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है. इसमें हत्या का मामला बताया गया है. बॉडी का पोस्टमार्टम देर रात डीएम के आदेश पर किया गया. इसके बाद बॉडी परिजनों को सौंप दी गयी.

मृतक आश्रित कोटे में मिली नौकरी
सोरांव थाना क्षेत्र स्थित ओहरपुर गांव के रहने वाले जनार्दन त्रिपाठी सिंचाई विभाग के कर्मचारी थे. 2016 में बीमारी के चलते उनकी मौत हो गयी. उनके तीन बेटे आशीष, आलोक और मनीष के अलावा एक बेटी है. पिता की मौत के बाद आशीष कुमार त्रिपाठी को मृतक आश्रित कोटे में नौकरी मिल गयी. वर्तमान समय में उसकी तैनाती बेलन प्रखण्ड गोविंदपुर में सब डिवीजन क्लर्क के रूप में थी. उसका छोटा भाई मनीष डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में प्रैक्टिस करता है. उसी के साथ आशीष हमेशा ड्यूटी पर आता-जाता था. तीसरा भाई मनीष दिल्ली में जॉब करता है. लोकसभा चुनाव में आशीष की डयूटी मतदान सहायक के रूप में बारा एरिया में लगी थी. शनिवार को वह पोलिंग पार्टी के साथ बूथ पर जाने के लिए भाई के साथ वह परेड ग्राउंड पहुंचा. पीठासीन अधिकारी के साथ ड्यूटी स्थल पहुंचा. रविवार को मतदान के बाद रात करीब दस बजे वह पोलिंग पार्टी के साथ मुंडेरा मंडी पहुंचा. स्ट्रांग रूम में ईवीएम जमा करने के बाद उसने घर फोन किया और भाई से कहा कि वह हाईवे तक आ जाए. यहां तक वह किसी साधन से पहुंच जाएगा. इसके बाद रात करीब दो बजे उसने भाई के नंबर पर फोन किया था लेकिन संयोग से कॉल रिसीव नहीं हो सकी. भाई का कहना है कि मोबाइल चार्ज पर लगा होने के चलते रिंगटोन सुनाई ही नहीं दी.

घर से दो किमी दूर मिला शव
इसके बाद आशीष गायब हो गया. सुबह परिवारवालों की नींद खुली तो उन्होंने आशीष को कॉल करना शुरू कर दिया. मोबाइल पर पूरी रिंग जा रही थी लेकिन कोई रिस्पांस नहीं आ रहा था. इसी दौरान सोमवार दोपहर करीब दो बजे गांव से लगभग दो किमी दूर सरायदीना गांव तिराहे के पास सड़क किनारे गड्ढे में मिला. इस सूचना पर आशीष का भाई भी वहां पहुंचा लेकिन पहचान नहीं पाया. उसने यहां से भाई को कॉल लगाया तो एसओ सोरांव ने फोन रिसीव किया और बॉडी मिलने के बारे में बताया. इसके बाद आशीष की भाई से पहचान की.

साजिशन हत्या के संकेत, गायब मिला पर्स-बैग
पुलिस ने मिट्टी हटाकर बॉडी बाहर निकलवाकर चेक किया तो पता चला कि उसके पास सिर्फ मोबाइल बचा है. आशीष के भाई के अनुसार वह घर से एक बैग में कपड़े लेकर निकला था. वह पर्स भी रखता था. यह दोनो गायब मिले. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आशीष के सिर पर आगे और पीछे चोट कि निशान थे. इसके अलावा दोनों हाथ और दोनो पैरों के ज्वाइंट के पास छिलने के निशान थे. इससे आशंका जतायी गयी कि हत्या सुनियोजित तरीके से की गयी और इसमें कई लोग शामिल थे. उन्होंने शायद आशीष को दबोच रखा था. संघर्ष के दौरान ही छिलने का निशान बना होगा. एसओ सोरांव अरुण कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि बॉडी का पोस्टमार्टम डीएम के आदेश पर रात में ही कराया जा रहा है. भाई की तहरीरर पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और इंवेस्टिगेशन के बाद ही पता चलेगा कि हत्या का राज क्या है.

कॉल डिटेल से खुलेगा हत्या का राज
मृतक आशीष का मोबाइल उसके पास ही पैंट की जेब में मिला. पुलिस ने इसे कब्जे में ले लिया है. इसे कोड से लॉक किये जाने के चलते पुलिस इसे ओपन नहीं कर पायी. पुलिस अब मोबाइल की सीडीआर निकलवा रही है. पुलिस का मानना है कि सीडीआर रिपोर्ट से पता चलेगा कि उसने लास्ट कॉल किसको की थी या किसको-किसको कॉल की थी. इससे शायद हत्यारों का कोई सुराग मिल जाय. इसके अलावा पुलिस लोकेशन भी निकलवा रही है ताकि पता चले कि मर्डर जहां बॉडी मिली वहीं किया गया या किसी और स्थान पर मर्डर करने के बाद बॉडी को वहां लाकर फेंक दिया गया. परिजनों की मानें तो उसकी किसी कोई दुश्मनी नहीं थी.

वह चुनाव ड्यूटी से लौट रहा था. घर की तरफ जाने के बजाय सरायदीना तिराहे तक कैसे पहुंचा? इसकी जांच की जा रही है. बेरहमी से हत्या हुई है और संकेत हैं कि यह किसी अकेले का काम नहीं है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाय तो और पता चलेगा. पुलिस जांच शुरू कर चुकी है. पूरी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द इसका खुलासा कर दिया जाय.
- अमित श्रीवास्तव,सीओ सोरांव