- 46 रजिस्टर्ड ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल शहर में

- 200 से अधिक अवैध ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल चल रहे

- 600 से अधिक कैंडीडेट एक स्कूल से ले रहे ट्रेनिंग

- 17 हजार से अधिक ट्रेनिंग ले रहे हर माह

- 15000 हजार ट्रेनिंग के नाम पर वसूले जा रहे

- जेबे भरने के लिए शहर में चल रहे हैं फर्जी ड्राइविंग स्कूल

- ऐसे स्कूलों से ट्रेनिंग लेने वाले कैंडीडेट्स का नहीं बनेगा लाइसेंस

LUCKNOW: एक तरफ परिवहन विभाग रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए दिन रात प्रयास कर रहा है वहीं शहर के फर्जी स्कूलों में तैयार होने वाले ड्राइवर एक्सीडेंट बढ़ा रहे हैं। ऐसे में परिवहन विभाग अब उन्हीं ड्राइविंग स्कूलों को लाइसेंस जारी करेगा, जिनका रजिस्ट्रेशन आरटीओ ऑफिस में होगा। परिवहन आयुक्त ने प्रदेश के सभी शहरों में मौजूद ड्राइविंग स्कूलों की जांच के आदेश संबंधित आरटीओ ऑफिस के एआरटीओ प्रशासन को दिये हैं। वहीं ड्राइविंग स्कूलों की रिपोर्ट एआरटीओ प्रशासन को हर महीने परिवहन विभाग काे देनी होगी।

गली-गली में खुल रहे हैं स्कूल

ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों के अनुसार राजधानी में चार पहिया वाहनों की ट्रेनिंग देने के लिए जगह-जगह स्कूल खुलते जा रहे हैं। जानकारी के अभाव में लोग इन स्कूलों में ट्रेनिंग लेने पहुंच जाते हैं। इन स्कूलों में फीस का कोई मानक निर्धारित नहीं है। कहीं एक महीने तो कहीं तीन महीने में ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने की गारंटी दी जा रही है। इन स्कूलों में फीस का कोई मानक निर्धारित नहीं है। कैंडीडेट्स देख कर फीस ली जा रही है। आठ हजार से 15 हजार तक की फीस इन स्कूलों में वसूली जा रही है।

20 हजार रुपए तक वसूले जाते हैं

ड्राइविंग की ट्रेनिंग लेने के लिए ड्राइविंग स्कूल पहुंचने वाले कैंडीडेट्स से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नाम पर भी मोटी फीस ली जाती है। ऐसे में एक चार पहिया की ट्रेनिंग और लाइसेंस बनवाने का खर्च तकरीबन 20 हजार से अधिक हो जाता है। आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग स्कूल में ट्रेनिंग लेने वाले कैंडीडेट्स की फोटो खीची जाती है और डिजिटल साइन लिए जाते हैं। ड्राइविंग स्कूल में ट्रेनिंग लेने वालों का ड्राइविंग टेस्ट नहीं होता है। ऐसे में कैंडीडेट्स को ड्राइविंग भले ही ना आए, लेकिन उनके लाइसेंस बन जाते थे।

बंद होंगे फर्जी ड्राइविंग स्कूल

वहीं फर्जी स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए ड्राइविंग स्कूल की डिटेल अब ऑनलाइन की जाएगी। सिर्फ उन्हीं स्कूलों को ऑनलाइन किया जाएगा, जो परिवहन विभाग के नियमों पर खरे उतरते हैं। इन स्कूलों में फीस भी निर्धारित की जाएगी। ऐसे में गलियों में खुले फर्जी ड्राइविंग स्कूल बंद कराए जाएंगे।

कोट

फर्जी ट्रेनिंग स्कूलों के शटर बंद कराए जाएंगे। सिर्फ उन्हीं स्कूलों को ट्रेनिंग देने का अधिकार होगा जिन्हें परिवहन विभाग अधिकृत करेगा। इनमें भी मानक पूरे होने जरूरी हैं।

अनिल मिश्रा

उप परिवहन आयुक्त लखनऊ जोन

परिवहन विभाग

बॉक्स

ऑनलाइन हाजिरी की होगी जांच

ड्राइविंग स्कूलों में ट्रेनिंग के लिए आने वाले कैंडीडेट्स की हाजिरी भी ऑनलाइन होगी, जिस स्कूल में वह ड्राइविंग सीख रहे हैं, वहां पर बटन लगाया जाएगा, जिससे जो कैंडीडेट ट्रेनिंग ले रहा है, उसकी हाजिरी विभाग में भी लग सके। ऐसे में ड्राइविंग स्कूल के जिस किसी भी कैंडीडेट का लाइसेंस वहां बनने पहुंचेगा, उसकी जांच की जा सकेगी।