- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केन्द्रीय रेल मंत्री को लिखा पत्र

- रेल बजट में यूपी की आवश्यकताओं का ध्यान रखने को कहा

LUCKNOW: लखनऊ और आगरा के बीच बुलेट ट्रेन कॉरिडोर। रास्ते में थीम पार्क, किसानों के लिए मंडियां, औद्योगिक क्षेत्र और गगनचुंबी इमारतें। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सपने को अगर जमीन मिली तो यूपी की सूरत बदलने में देर नहीं लगेगी। दुनियाभर में यूपी की बेहतर इमेज बनने के साथ सूबे के विकास की रफ्तार को भी पंख लगेंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कुछ ऐसी उम्मीदों के साथ रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वे अगर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के पैरेलल रेलवे लाइन बिछाते हैं या बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट लाते हैं तो राज्य सरकार उन्हें मुफ्त में जमीन मुहैया करायेगी।

तो एक में लखनऊ से जाज नगरी

रेल मंत्रालय यदि बुलेट ट्रेन चलाने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को मान लेती है तो लखनऊ से आगरा के बीच की दूरी महज एक से डेढ़ घंटे में तय की जा सकेगी। वहीं रेलवे लाइन बिछाने से खासकर किसानों की जिंदगी बदलना तय है। राज्य सरकार एक्सप्रेस वे में कई स्थानों पर किसानों के लिए मंडियां बनाने की तैयारी में है। वहीं फर्रुखाबाद, कन्नौज आदि जिलों को सरकार इत्र मैनुफैक्चरिंग हब बनाने जा रही है। एक्सप्रेस वे पर एयरफोर्स के फाइटर प्लेन उतारने की व्यवस्था पहले से की जा चुकी है। राज्य सरकार इसे और संसाधन संपन्न बनाना चाहती है।

ऐशबाग बने सैटेलाइट रेलवे स्टेशन

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में अनुरोध किया है कि प्रदेश के बड़े शहरों को ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने के लिए रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर अधिकाधिक फ्लाईओवर के निर्माण कराये जाएं। उन्होंने लखनऊ में ऐशबाग रेलवे स्टेशन को चारबाग रेलवे स्टेशन के सैटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित करने तथा इलाहाबाद और कानपुर के बीच में तीसरी रेलवे लाईन बिछाने का अनुरोध भी किया है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि यूपी के हितों को देखते हुए इन प्रस्तावों सहित अधिकाधिक प्रस्तावों को रेल मंत्रालय द्वारा अपने आगामी रेलवे बजट वर्ष में शामिल किया जाएगा।

बुलेट ट्रेन मिनिमम स्पीड: 250 किमी प्रति घंटा

लखनऊ से आगरा की दूरी: 375

लखनऊ से दिल्ली की दूरी: 525

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रपोज्ड स्पीड: 350 किमी प्रति घंटे तक स्पीड