क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ :एक सप्ताह पहले ही मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर तल्ख लहजे में वार्निग दी थी कि रांची में बिजली का हाल नहीं सुधरा तो सुधार देंगे. रांची में हर हाल में 24 घंटे बिजली की सप्लाई की जाए लेकिन राजधानी में बिजली विभाग के अधिकारियों पर किसी का आदेश नहीं चलता. सांसद की बात भी अनसुनी कर दी गई. हाल ये है कि पिछले कई दिनों से दिन में कई बार बिजली कट रही है. रविवार रात से तो आधे राजधानी में बिजली की आंख मिचौली जारी है. बरियातू, रातू रोड, लालपुर, अपर बाजार, कोकर, कांटाटोली, डोरंडा इलाके में बिजली के आने जाने से इस गर्मी में लोगों का बुरा हाल है. इसके बाद भी अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है.

तीनों ग्रिडों को फुल बिजली

रांची के तीनों ग्रिडों को फु ल लोड बिजली मिलने के बाद भी शहर की बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. मेंटीनेंस लाइन सुधार कार्य की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर गर्मी शुरू होने से पहले बिजली वितरण निगम ने ये सारे कार्य क्यों नहीं कराता है. गर्मी में निर्बाध आपूर्ति की जगह घंटों बिजली कट की समस्या से हर कोई परेशान है. ऊपर से लोकल फॉल्ट ने यह समस्या और बढ़ा दी है.

आंखमिचौली से पब्लिक त्रस्त

रांची में तपती गर्मी में झारखंड की पब्लिक बिजली की आंख मिचौली से त्रस्त है. राजधानी रांची समेत राज्य के बड़े हिस्सों में जमकर बिजली की लोड शेडिंग हो रही है. रांची का पारा 42 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा है और लोग गर्मी से छटपटा रहे हैं, लेकिन मांग के अनुरूप बिजली नहीं मिल पा रही है. रांची को 300 मेगावाट बिजली मिल भी रही है, इसके बावजूद शहरी क्षेत्र में जमकर शेडिंग हो रही है.

एक ही यूनिट से उत्पादन

टीवीएनएल कें दो नंबर यूनिट से पिछले कई दिनों से बिजली का उत्पादन ठप है. सिर्फ एक नंबर यूनिट से ही 160 से 170 मेगावाट उत्पादन हो रहा है. टीवीएनएल की बिजली अमूमन ललपनिया, पतरातू होते हुए रांची तक आती है. टीवीएनएल दूसरे छोर से बिहार के बिहारशरीफ ग्रिड से जुड़ा हुआ है. बिहार में भी बिजली की मांग बढ़ चुकी है. जिसके कारण टीवीएनएल की बिजली को बिहार ओवर ड्रॉ कर लेता है. दूसरी ओर ललपनिया, पतरातू, हटिया लाइन में बिजली न आने से हटिया ग्रिड में दूसरे सोर्स से मिल रही बिजली भी उल्टा प्रवाह होकर इस लाइन में आ जाती है, जिसका खामियाजा रांची को भुगतना पड़ता है.

रांची में बढ़ बिजली की डिमांड

रांची में गर्मी के मौसम में 50 मेगावाट से अतिरिक्त मांग बढ़ गयी है. जनवरी में रांची में 263 मेगावाट फुल लोड बिजली मिलती थी. अभी रांची में 322 मेगावाट की जरूरत है और 290 से 300 मेगावाट तक आपूर्ति हो रही है. लगभग 25 से 30 मेगावाट की शेडिंग हो रही है. जिसके चलते कई इलाकों में एक-एक घंटे पर बिजली की कटौती हो रही है. दूसरी वजह हटिया टू ग्रिड भी है, अत्याधिक बिजली की मांग की वजह से इस ग्रिड का ट्रांसफॉर्मर गर्म हो जा रहा है, तब लोड कम करने कहा जाता है, इसके बाद दिन में भी लोड शेडिंग रांची में होने लगती है, यही वजह है कि पिछले चार दिनों से रांची में जमकर लोड शेडिंग हो रही है.