-वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी कामगारों से की बात

-कहा- बिहार में ही रह अपने स्किल का उपयोग करें कामगार, क्वारंटाइन सेंटर में रहने कहा महत्व समझाया

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के दस जिलों में स्थित बीस क्वारंटाइन सेंटरों पर रह रहे प्रवासी कामगारों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात की। उन्होंने देखा कि क्वारंटाइन सेंटरों में कैसे खाना बन रहा, प्रवासी किस तरह रह रहे हैं और उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिल रही हैं। इस क्रम में उन्होंने प्रवासी कामगारों को यह परामर्श दिया कि बिहार में ही रहिए। अपने श्रमबल एवं स्किल का यहीं उपयोग कीजिए। बिहार के विकास में भागीदार बनिए। आरंभ में उन्होंने यह भी समझाया कि उनका क्वारंटाइन सेंटर पर रहना क्यों जरूरी है। मुख्यमंत्री ने डिजिटली पूरे क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया। रसोई से लेकर साफ-सफाई तक देखा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारंटाइन सेंटर पर रहना सभी लोगों के हित में है। सभी लोग सेफ डिस्टेंसिंग का पालन करें। कोरोना से बचाव का यही प्रभावी उपाय है। इस मौके पर अफसरों को पुन: यह निर्देश दिया कि बाहर से आए सभी लोगों को बिहार में ही काम दिया जाए। इच्छुक लोगों के जॉब कार्ड बनाए जाएं। स्किल के अनुरूप रोजगार मिले। नए उद्योगों को बढ़ावा दें। जीविका से भी जोड़कर महिलाओं को रोजगार दें।

मुख्यमंत्री ने प्रवासी कामगारों से बातचीत के क्रम में क्वारंटाइन सेंटर पर उपलब्ध सुविधाओं के बारे में पूछताछ की। इसके साथ सभी से यह जरूर पूछा कि जिस राज्य से वे लौटे हैं, वहां वे क्या करते थे? सेंटर पर चल रही अन्य गतिविधियों के बारे में भी जानकारी ली। रसोई तैयार करने में किन लोगों की सेवा ली जा रही है यह भी पूछा। पके हुए भोजन को भी देखा।

क्वारंटाइन सेंटरों से हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के मौके पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा व अनुपम कुमार मौजूद थे। सभी जिलों के जिलाधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री से जुड़े हुए थे।